आसान नहीं यह फैसला उनके साहस को प्रणाम
युवा हास्य कवि चिराग जैन ने सोशल मीडिया पर इस अनूठी पहल को लेकर पोस्ट लिखी है। उन्होंने कहा, प्रदीप चौबे की पत्नी ने अपने कष्ट भुलाकर युवा बहू की ओर देखा। दोबारा शादी का फैसला लिया। यह इतना आसान नहीं रहा होगा। बहू को मनाना, रिश्तेदारों की बातों की चिंता छोड़ आगे बढ़कर सामाजिक वर्जनाएं तोड़ना बेहद मुश्किल भरा होगा। उन्होंने कर दिखाया। उनके साहस को प्रणाम।
‘बहू के सामने पूरी जिंदगी पड़ी थी’
जाने-माने हास्य कवि दिवंगत प्रदीप चौबे के बेटे आभास का भोपाल में 7 साल पहले दुर्घटना में निधन हो गया। कुछ समय बाद कवि प्रदीप भी चल बसे। पत्नी विनीता चौबे, बहू वर्षा गम भुलाने का प्रयास कर रही थीं। विनीता ने कहा, वर्षा के सामने जिंदगी पड़ी थी। तभी ठान लिया फिर से बहू का जीवन आबाद करेंगी। 11 मई को चेतन से शादी कराई।
बड़े बेटे-बहू ने किया कन्यादान
विनीता ने बताया, पति जीवित होते तो वे भी वर्षा की दूसरी शादी जरूर कराते। वह बहू तो थी, पर बेटी से कम नहीं? बड़े बेटे आकाश व बहू नेहा ने भी मेरे फैसले में सहयोग दिया। उन्हीं दोनों ने वर्षा का कन्यादान किया। अब वह हमेशा खुश रहे। विधवा विवाह कर सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ने वालीं विनीता चौबे के इस फैसले का स्वागत हर कोई कर रहा है। बहू की दूसरी शादी में अंतरराष्ट्रीय हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा, अरुण जैमिनी और डॉ. सुरेश अवस्थी भी साक्षी बने।