दायर की थी याचिका
ज्योति आर्या ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता गौरव समाधिया ने तर्क दिया कि ज्योति आर्या 20 जुलाई 2013 से अतिथि शिक्षक के पद पर कार्य कर रही थी, लेकिन 2021 में उन्हें हटा दिया गया। कहा गया कि फिर से भर्ती प्रक्रिया में शामिल होना होगा। विभाग ने जो फैसला लिया है, वह गलत है। नए भर्ती के साथ उनकी तुलना नहीं की जा सकती है। जब तक नियमित शिक्षक नहीं आता है पुराने अतिथि शिक्षक को नहीं हटाया जा सकता है। उसकी जगह नया अतिथि शिक्षक नहीं ला सकते हैं।
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जानकारी के लिए बता दें कि एमपी के सरकारी कॉलेजों में सेवाएं दे रहे 4700 से ज्यादा अतिथि विद्वानों की सेवाएं खत्म करने का सिलसिला शुरू हो गया है। तबादलों की कार्यवाही के बीच महाविद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा अतिथि विद्वानों की सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। वहीं एक बार फिर से अतिथि विद्वानों पर संकट के बादल मंडराने लगे है।
अब अतिथि विद्वानों नेआंदोलन करने का फैसला किया गया है। अतिथि विद्वान नियमितिकरण संघर्ष मोर्चा ने कहा, बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री ने अतिथि विद्वानों को न हटाने का ऐलान किया था, लेकिन इसे उच्च शिक्षा विभाग नहीं मान रहा है।