प्रशासन ने मूंदी आंखें
प्रशासन की अनदेखी से यह कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। कॉलोनाइजर खेती की जमीन को डायवर्सन कर नाममात्र की कॉलोनी का स्वरूप देकर प्लॉट बेच रहे हैं। इन कॉलोनियों में न तो पीने के पानी की व्यवस्था है, न ही सड़क, बिजली और नाली जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके बावजूद प्लॉट बेचते समय सर्वसुविधा युक्त वैध कॉलोनी बताकर प्रचारित किया जा रहा है। जब खरीदार प्लॉट खरीद लेते हैं, तब जाकर उन्हें असलियत का पता चलता है। कई लोग अपनी जीवनभर की जमा पूंजी इन अवैध कॉलोनियों में निवेश कर पछता रहे। यह भी पढ़े –
डॉक्टर बना जल्लाद, अस्पताल में बुजुर्ग को पहले घसीटा फिर जड़े थप्पड़, देखें वीडियो खरीददारों को ठग रहे कॉलोनाइजर
मापदंड का नहीं किया जा रहा पालन शासन के निर्देश हैं कि किसी भी कॉलोनी को विकसित करने के लिए मापदंडों को पूरा करना अनिवार्य है। इनमें सड़क निर्माण, नाली, पानी, बिजली की व्यवस्था सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं। इसके अतिक कॉलोनी का विधिवत अनुमोदन एवं रजिस्ट्रेशन होना भी आवश्यक होता है। लेकिन नगर में विकसित की जा रही अधिकाश कॉलोनियों में इनमें से किसी भी मापदंड का पालन नहीं किया जा रहा है। यह सब कुछ स्थानीय प्रशासन की जानकारी में होते हुए भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। जो कहीं न कहीं अवैध कॉलोनाइजरों को बढ़ावा दे रही है।
कुछ कॉलोनाइजर दिखावटी रूप से सड़क और पानी की व्यवस्था तो कर रहे हैं, लेकिन कॉलोनी को शासन के अनुसार वैध बनाने की प्र या पूरी नहीं कर रहे हैं। जरूरत है कि प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान दे और इन अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों पर कार्रवाई की जाए। आम लोगों को भी सजग रहने की आवश्यकता है कि ये प्लॉट खरीदने से पहले उसकी वैधता की पूरी जांच करें। यदि समय रहते इन कॉलोनियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में नगर की बसाहट बिगड़ सकती जिसका खामियाजा आम जनता को ही भुगतान चुकाना पड़ सकता है।
यह भी पढ़े –
अपनों को महंगी, दूसरे राज्यों को सस्ती बिजली बेच रही सरकार! पूर्व विधायक ने सीएम को लिखा पत्र संबंधितों को नोटिस जारी किए
सिराली के तहसीलदार विजय साहू ने इस मामले में कहा कि ‘अवैध कॉलोनियों की जानकारी मेरे संज्ञान में है। संबंधितों को हमारी ओर से नोटिस जारी किए गए हैं। एसडीएम कार्यालय भी जानकारी भेजी गई है। इनका नामांतरण भी रोक दिया है। आगे कार्रवाई की जाएगी।’