Breast Cancer Cases Surge : कम एचडीआई वाले देशों पर सबसे अधिक प्रभाव
WHO की इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कम मानव विकास सूचकांक (HDI) वाले देशों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। यह अध्ययन इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी के आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें “कैंसर इनसिडेंस इन फाइव कॉन्टिनेंट्स” और WHO मोर्टेलिटी डाटाबेस की जानकारी शामिल है।भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer in India)
ब्रेस्ट कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में सबसे आम कैंसर है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर 2.3 मिलियन (23 लाख) नए ब्रेस्ट कैंसर मामले और 6.7 लाख मौतें दर्ज की गईं। हालांकि, यह बीमारी अलग-अलग देशों में अलग-अलग दर से फैल रही है।किन देशों में सबसे ज्यादा और सबसे कम मामले?
सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के मामले: ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, उत्तरी अमेरिका और उत्तरी यूरोप। सबसे कम ब्रेस्ट कैंसर के मामले: दक्षिण-मध्य एशिया, मध्य अफ्रीका और पूर्वी अफ्रीका।ब्रेस्ट कैंसर के मुख्य लक्षण (Breast Cancer Symptoms)
– स्तन में गांठ महसूस होना। – स्तन के आकार या रूप में बदलाव। – त्वचा पर डिंपल, लालिमा या स्केलिंग। – निप्पल में बदलाव या रक्तस्राव।ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कैसे होती है? (How is Breast Cancer Diagnosed?)
ब्रेस्ट कैंसर की पहचान के लिए कई विधियाँ अपनाई जाती हैं:स्वयं परीक्षण (Self-Examination) – महिलाएँ अपने स्तनों की नियमित जांच कर किसी भी बदलाव का पता लगा सकती हैं।
मैमोग्राफी (Mammography) – यह एक्स-रे तकनीक है, जिससे ब्रेस्ट ट्यूमर की जांच होती है।
अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – यह तकनीक मैमोग्राफी में दिखी किसी भी संदिग्ध गांठ की विस्तृत जानकारी देती है।
एमआरआई स्कैन (MRI Scan) – विस्तृत इमेजिंग के लिए किया जाता है।
बायोप्सी (Biopsy) – इस प्रक्रिया में ऊतक (टिशू) का नमूना लेकर माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है।
जेनेटिक टेस्टिंग (Genetic Testing) – BRCA1 और BRCA2 जीन म्यूटेशन की जांच कर भविष्य में कैंसर के खतरे का आकलन किया जाता है।