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Cervical Cancer : इन शुरुआती चेतावनी संकेतों को न करें नजरअंदाज

cervical cancer in hindi : सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर रोग है, जिससे हर साल देश में कई महिलाएं प्रभावित होती हैं। जानकारी के अभाव में यह बीमारी अधिक घातक साबित होती है। इसी कारण, जनवरी माह को सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है

भारतJan 28, 2025 / 03:46 pm

Manoj Kumar

Cervical Cancer Symptoms Do not ignore these early warning signs

Cervical Cancer Symptoms Do not ignore these early warning signs

Cervical Cancer Symptoms : सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर लेकिन रोके जा सकने वाला कैंसर है। यह गर्भाशय के निचले हिस्से, जिसे ग्रीवा कहा जाता है, में विकसित होता है। यदि समय रहते इस बीमारी का पता चल जाए, तो इसका इलाज संभव है। इस लेख में हम सर्वाइकल कैंसर के लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे।

सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण | Early symptoms of cervical cancer

सर्वाइकल कैंसर की पहचान उसके शुरुआती लक्षणों से की जा सकती है। इसके सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

असामान्य योनि रक्तस्राव, विशेष रूप से माहवारी के बीच या रजोनिवृत्ति के बाद
संभोग के दौरान या बाद में रक्तस्राव (पोसकोयटल ब्लीडिंग)

योनि स्राव में दुर्गंध और असामान्यता

पैल्विक दर्द या संभोग के दौरान असहजता

अगर इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारण Causes of cervical cancer

सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारण Causes of cervical cancer
सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारण Causes of cervical cancer

यह कैंसर मुख्य रूप से ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण के कारण होता है। इसके अलावा कुछ अन्य जोखिम कारक भी हैं:
असुरक्षित यौन संबंध और एक से अधिक यौन साथी

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली

धूम्रपान और तंबाकू का सेवन

लंबे समय तक ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव का उपयोग

अनियमित चिकित्सा जांच और खराब स्वच्छता

निदान कैसे किया जाता है?

सर्वाइकल कैंसर का निदान विभिन्न परीक्षणों के माध्यम से किया जाता है:

पैप स्मीयर टेस्ट: यह टेस्ट तीन साल में एक बार प्रत्येक यौन सक्रिय महिला को कराना चाहिए।
एचपीवी टेस्ट: यह जांच वायरस की उपस्थिति का पता लगाती है।

कोलपोस्कोपी: यदि पैप स्मीयर टेस्ट में असामान्यता दिखती है, तो यह टेस्ट किया जाता है।

बायोप्सी: कैंसर की पुष्टि के लिए ऊतक का एक छोटा सा नमूना लिया जाता है।

    सर्वाइकल कैंसर से बचाव के उपाय

    सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है, यदि कुछ आवश्यक सावधानियां बरती जाएं:

    एचपीवी वैक्सीन: 9 से 26 वर्ष की महिलाओं को यह वैक्सीन लगवानी चाहिए।

    नियमित पैप स्मीयर टेस्ट: प्रारंभिक जांच से बीमारी को जल्दी पकड़ा जा सकता है।
    सुरक्षित यौन संबंध: कंडोम का उपयोग करें और अनावश्यक जोखिम से बचें।

    धूम्रपान और तंबाकू से दूरी: यह आदतें कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं।

    स्वस्थ आहार और व्यायाम: प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना आवश्यक है।
    सर्वाइकल कैंसर गंभीर बीमारी है, लेकिन यदि सही समय पर इसकी पहचान हो जाए, तो इसका उपचार संभव है। महिलाओं को नियमित जांच करानी चाहिए और एचपीवी वैक्सीन लगवानी चाहिए। जागरूकता और सतर्कता ही इस बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
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