एनजाइना क्या होता है?
हार्ट अटैक या एनजाइना के 7 चेतावनी संकेत
सीने के बीच या बाईं तरफ भारीपन, जलन या दबाव जैसा दर्द। यह सबसे आम लक्षण है। ऐसा दर्द हल्का भी हो सकता है या बहुत तेज भी। यह दर्द अक्सर कुछ मिनट तक रहता है और इसे लोग गैस या थकावट समझ लेते हैं, लेकिन यह दिल की बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है।दर्द का असर बाजू, जबड़े, कंधे, गर्दन या पीठ तक जाना
अगर सीने का दर्द शरीर के दूसरे हिस्सों तक फैलने लगे, जैसे बायां बाजू, जबड़ा या पीठ में, तो यह हार्ट अटैक का गंभीर लक्षण माना जाता है। खासकर बाएं हिस्से में दर्द होना चेतावनी का संकेत है।सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलना
थोड़ी सी मेहनत में अगर सांस फूलने लगे या आराम करते हुए भी सांस लेने में परेशानी हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह दिल की पम्पिंग क्षमता कम होने का संकेत हो सकता है।बिना मेहनत के पसीना आना
अगर आप बैठे हैं या आराम कर रहे हैं, फिर भी अचानक पसीना आ जाए, खासकर ठंडा पसीना, तो यह दिल पर अत्यधिक दबाव या खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत हो सकता है।जी मिचलाना या चक्कर आना
कई बार हार्ट प्रॉब्लम में पेट में भारीपन, उल्टी जैसा मन या चक्कर आना महसूस होता है। महिलाओं में यह लक्षण ज्यादा सामान्य रूप से नजर आते हैं।अचानक कमजोरी या थकावट
अगर बिना किसी कारण आप बहुत थका हुआ महसूस करें, कमजोरी लगे या चलने-फिरने में असहजता हो, तो इसे दिल की बीमारी से जोड़कर देखा जा सकता है।घबराहट महसूस होना
हार्ट अटैक या एनजाइना के समय कई लोगों को घबराहट, बेचैनी या घुटन जैसी फीलिंग होती है। अचानक से डर या बैचेनी महसूस होना शरीर का अलार्म सिग्नल हो सकता है।KARNATAKA HEART ATTACK : कर्नाटक के हासन में फैल रही खामोश दहशत, 40 दिनों में 21 लोगों की हार्ट अटैक से मौत, डॉ से जानिए क्या हो सकती है वजह
एनजाइना के प्रकार
स्टेबल एनजाइना
यह सबसे सामान्य प्रकार का एनजाइना है, जो आमतौर पर तब होता है जब दिल को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है, जैसे तेज चलना, सीढ़ियां चढ़ना या तनाव लेना। आराम करने या नाइट्रेट दवा लेने से दर्द धीरे-धीरे कम हो जाता है।अनस्टेबल एनजाइना
यह गंभीर स्थिति होती है, जो आराम करते हुए भी हो सकती है। ठंड के मौसम, रात में नींद के दौरान या बिना किसी कारण सीने में दर्द या बेचैनी होती है। यह हार्ट अटैक का पूर्व संकेत माना जाता है, इसलिए तुरंत मेडिकल मदद जरूरी है।प्रिंजमेटल एनजाइना
यह दुर्लभ लेकिन खतरनाक प्रकार है, जिसमें दिल की धमनियां अचानक सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड फ्लो रुक सकता है और अचानक तेज दर्द महसूस होता है। अगर सही इलाज न मिले तो यह हार्ट अटैक में बदल सकता है।जरूरी जांच और इलाज
ईसीजी (ECG) – दिल की इलेक्ट्रिक गतिविधि को रिकॉर्ड करता है, जिससे किसी भी असामान्यता का तुरंत पता चलता है। ब्लड टेस्ट – खून में ट्रोपोनिन नामक प्रोटीन की मात्रा बढ़ने से हार्ट डैमेज का संकेत मिलता है।हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
डायबिटीज और ब्लड शुगर कंट्रोल करें।ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करें।
वजन नियंत्रित रखें और रोजाना हल्का व्यायाम करें।
मानसिक तनाव से बचें, योग और मेडिटेशन करें।
भारी भोजन करने से बचें, हल्का और सुपाच्य खाना खाएं।