Heart attack symptoms : हार्ट अटैक और तनाव के बीच भी रिश्ता
ज्यादा स्ट्रेस हार्ट अटैक को दो तरह से प्रभावित करता है
1- लगातार तनाव से शरीर में रोगों से लडऩे वाली रक्त की श्वेत कोशिकाओं का उत्पादन काफी तेज हो जाता है। इनके बहुत अधिक मात्रा में होने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता हैं। अतिरिक्त कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं की अंदरूनी दीवार में चिपक जाती हैं और खून के प्रवाह को रोकती हैं। इसकी वजह से खून के थक्का बनने लगते हैं। थक्कों से खून के बहाव में तो रूकावट आती ही है साथ ही ये शरीर के दूसरे हिस्सों में भी चले जाते हैं। हार्ट अटैक ((Heart Attack) हो जाता है।
कम नींद और हार्ट अटैक का संबंध
दो-चार दिन कम नींद से समस्या नहीं होती है लेकिन चिड़चिड़ापन आदि हो सकता है। दिनचर्या प्रभावित होती है लेकिन लंबे समय या आदत में शामिल होने के बाद सेहत को नुकसान पहुंचने लगता है। कई शोधों में स्पष्ट हो चुका है कि नींद की कमी से शरीर में हार्मोन असंतुलित होने लगते हैं। इससे मोटापा, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियां जैसी समस्याएं होने लगती हैं जो हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा बढ़ता है। एक अन्य शोध में कहा गया है कि जो लोग रात में 6 घंटे से कम सोते हैं उनमें हार्ट अटैक होने का खतरा अधिक होता है।हम क्या खा रहे हैं यह भी तो कारण
जो हम खाते हैं, कितना खाते हैं और किस समय खाते हैं इसका भी शरीर पर असर पड़ता है। जैसे टीवी देखते हुए जंक और फास्ट फूड खाना ज्यादा नुकसान करता है। इस समय हमें न चाहते हुए ज्यादा खा लेते हैं। बाहरी और बाजार में बिकने वाले फूड आइट्स में रिफाइंड आटा, शुगर, नमक और प्रिजरवेटिव जैसी चीजें ज्यादा होती हैं। इनसे सीधे हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा बढ़ता है।भारतीय पारंपरिक भोजन से दूर भी वजह
दूसरी बात फास्ट फूड खाने से भारतीय पारंपरिक भोजन से भी दूर होते जा रहे हैं। इनमें विटामिन डी, सूक्ष्म पोषक तत्वों की अधिक होती है। भारतीय भोजन में एंटीऑक्सीडेंट्स मात्रा भी बहुत अधिक होती हैं। ये भी दिल की बीमारियों के जोखिम को भी कम करते हैं। इनके लिए हरी सब्जियां, सूखे मेवे जैसे अखरोट, बादाम, मछली, अलसी के बीज और हरी सब्जियां आदि होते हैं। अधिकतर जंक फूड में इनको शामिल नहीं किया जाता है और अगर जाता भी है तो उन्हें ऐसे बनाया जाता है कि उनकी पौष्टिकता ही नष्ट हो जाती है।फिजिकली एक्टिव न होना भी वजह
लंबे समय तक सीटिंग जॉब, ज्यादा समय तक सोफे पर बैठे रहना आदि भी दिल के लिहाज से सही नहीं होता है। कई ऐेसे शोध बताते हैं कि 20-30 मिनट तक एक ही जगह बैठने से शरीर का मेटाबोजिल्म का स्तर घटने लगता है। इससे शरीर में पाचन क्रिया सुस्त पड़ जाती है और मोटापा और दूसरी क्रॉनिक बीमारियों का आशंका बढऩे लगती है। इसलिए हर आधे घंटे में एक बार थोड़ी दूर चहलकदमी करने की बात की जाती है। दिनचर्या में छोटी-छोटी बदलाव से भी फिजिकली फिट रह सकते हैं जैसे थोड़ी दूर बाजार पैदल या साइकिल से जाएं। लिफ्ट को नो कहें, सीढ़ी से जाएं। नियमित रूप से 45-50 मिनट हल्के व्यायाम करें।अचानक हैवी वर्कआउट नहीं करें
मध्य युवावस्था में जिन्हें पहले हार्ट अटैक हो चुका है या कार्डियोमायोपैथी यानी हार्ट की मसल्स की कमजोरी होती है या हार्ट अटैक होने के जरूरी रिस्क फैक्टर जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, ज्यादा कोलेस्ट्रॉल, स्मोकिंग, मोटापा आदि हो। ऐसे लोगो में जो कि आम तौर पर गतिहीन जिंदगी जीते हैं, अगर वो अचानक से अत्यधिक या माध्यम स्तर की भी एक्सरसाइज चालू कर दें तो उनके हार्ट की ब्लड वेसल में कोलेस्ट्रॉल का थक्का अचानक फट सकता है एवम हार्ट अटैक हो सकता है।केस दो- हाल ही सोशल मीडिया पर कई ऐसे युवाओं की डेथ के वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें या तो डांस कर रहे थे या कहीं आ जा रहे हैं। कुछ वीडियो में एक्सरसाइज करते हुए लोगों की अचानक डेथ हुई है।