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Monsoon Health Risk: बारिश में ये 4 बीमारियां तेजी से फैलती हैं, जल्दी मानसून के कारण इनके होने का खतरा भी अधिक

Monsoon Health Risk:इस बार मानसून समय से पहले आ गया है, जिससे डेंगू, मलेरिया, टाइफॉइड और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा भी पहले ही बढ़ गया है। ऐसे में इन रोगों से बचाव के लिए सतर्क रहना और सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।

भारतJun 19, 2025 / 12:19 pm

MEGHA ROY

Diseases during monsoon
फोटो सोर्स – Freepik

Monsoon Health Risk: इस बार देश के कई हिस्सों में मानसून तय तारीख से पहले ही दस्तक दे चुका है। तेज बारिश, उमस और जलजमाव की वजह से कई तरह की बीमारियों का खतरा भी समय से पहले बढ़ सकता है। ऐसे मौसम में वायरल इंफेक्शन, मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां और दूषित पानी से जुड़ी समस्याएं तेजी से फैल सकती हैं।अगर आप खुद को और अपने परिवार को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो डेंगू, मलेरिया, टाइफॉइड और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके जानना बेहद जरूरी है।

समय से पहले मानसून आने से बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा-एक्सपर्ट

डॉ. अर्जुन राज (आयुर्वेदिक चिकित्सक) बताते हैं कि मॉनसून आते ही बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। इनमें सामान्य सर्दी-खांसी, फ्लू, वायरल बुखार, इंफेक्शन, एलर्जी, गैस्ट्रोएंट्राइटिस, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए और ई जैसी बीमारियां शामिल हैं। लेकिन सबसे ज्यादा खतरा मलेरिया, डेंगू , टाइफॉइड और चिकनगुनिया का होता है, जिनके होने के मौके बारिश के मौसम में अधिक बढ़ जाते हैं। इस बार मानसून समय से जल्दी आ गया है, जिससे इन बीमारियों का खतरा और भी बढ़ सकता है। इसलिए इस मौसम में साफ-सफाई और स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना जरूरी है।

2025 मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते मामले

बीमारी का नाम2024 (जनवरी-जून)2025 (जनवरी-जून)वृद्धि की स्थिति
मलेरिया1,6121,973बढ़ोतरी (341 केस की वृद्धि)
चिकनगुनिया21115तेज़ उछाल
गैस्ट्रोएन्टराइटिस3,4783,577मामूली बढ़ोतरी
हेपेटाइटिस248359उल्लेखनीय बढ़ोतरी
मलेरिया (केवल जून के पहले दो हफ्ते)341 केसचिंताजनक स्थिति

इस साल जनवरी से जून मध्य तक मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे मौसमी रोगों के मामलों में बीते साल की तुलना में noticeable बढ़ोतरी देखी गई है। मलेरिया के मामले 1,612 से बढ़कर 1,973 हो गए, वहीं चिकनगुनिया में बड़ा उछाल आया है पिछले साल जहां सिर्फ 21 केस थे, वहीं इस साल 115 मामले सामने आए। गैस्ट्रोएन्टराइटिस के केस मामूली बढ़कर 3,478 से 3,577 हुए, जबकि हेपेटाइटिस के मरीज 248 से बढ़कर 359 हो गए। खास बात यह है कि सिर्फ जून के पहले दो हफ्तों में ही मलेरिया के 341 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। यह आंकड़े बता रहे हैं कि इस बार मानसून से पहले ही बीमारियां तेजी से पैर पसार रही हैं, इसलिए सावधानी और सतर्कता बेहद जरूरी है।
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डेंगू (Dengue)

डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो Aedes मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर साफ और रुके हुए पानी में पनपता है, जैसे कि फूलदान, कूलर, या पानी से भरे गमले, और दिन के समय सबसे अधिक सक्रिय होता है। जब यह मच्छर किसी डेंगू संक्रमित व्यक्ति को काटकर फिर किसी और व्यक्ति को काटता है, तो वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे तेज दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। साथ ही त्वचा पर लाल चकत्ते या रैश भी दिखाई दे सकते हैं। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह खतरनाक रूप ले सकता है, इसलिए लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

बचाव कैसे करें

घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
फूलदान, कूलर, और छत पर रखे बर्तनों की सफाई करें।
मच्छरदानी, फुल-स्लीव कपड़े और मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें।

मलेरिया (Malaria)

मलेरिया एक जानलेवा रोग है जो Anopheles मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर गंदे और रुके हुए पानी में अंडे देता है और आमतौर पर रात के समय सक्रिय होता है। जब यह मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है और फिर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो उसके शरीर में Plasmodium परजीवी प्रवेश कर जाता है, जो मलेरिया का कारण बनता है। मलेरिया के लक्षणों में कंपकंपी के साथ तेज बुखार आना, सिरदर्द होना, ठंड लगना और पसीना आना प्रमुख हैं। इसके अलावा मरीज़ को उल्टी, मिचली और सामान्य थकावट भी महसूस हो सकती है। समय पर उपचार न मिलने पर यह रोग गंभीर रूप ले सकता है, इसलिए शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें।

बचाव कैसे करें

आसपास जलजमाव न होने दें।
सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
घर में मच्छर-रोधी स्प्रे और धूपबत्ती का प्रयोग करें।

टाइफॉइड (Typhoid)

टाइफॉइड एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो मुख्य रूप से दूषित पानी और खाने के माध्यम से फैलता है। बारिश के मौसम में पानी की सप्लाई और जल स्रोतों के गंदा होने की वजह से यह बीमारी तेजी से फैल सकती है। जब कोई व्यक्ति ऐसे संक्रमित पानी या भोजन का सेवन करता है, तो उसमें Salmonella typhi नामक बैक्टीरिया प्रवेश कर जाता है, जिससे टाइफॉइड होता है। इसके लक्षणों में लगातार बुखार बने रहना, पेट में दर्द, भूख में कमी, थकावट और शरीर में कमजोरी महसूस होना शामिल है।

बचाव कैसे करें

केवल उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं।
बाहर का खाना खाने से बचें, खासकर कटे-फटे फल और खुले में मिलने वाली चीजें।
हाथों को साबुन से बार-बार धोएं।

चिकनगुनिया (Chikungunya)

चिकनगुनिया एक वायरल संक्रमण है जो डेंगू की तरह Aedes मच्छर के काटने से फैलता है। ये मच्छर बारिश से पहले और उसके दौरान सबसे ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं क्योंकि पानी जमा होने पर उनके प्रजनन की गति तेज हो जाती है। इसलिए अक्सर देखा जाता है कि चिकनगुनिया के मामले मानसून शुरू होने से पहले ही सामने आने लगते हैं। इस बीमारी के लक्षणों में अचानक तेज बुखार आना, जोड़ों में सूजन और तेज दर्द शामिल हैं, जो कई बार हफ्तों या महीनों तक रह सकता है। इसके अलावा मरीज़ को सिरदर्द, थकान, और त्वचा पर लाल दाने भी हो सकते हैं।

बचाव कैसे करें

फुल स्लीव्स पहनें, मच्छरदानी और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
छत, टैंक, कूलर और गमले साफ रखें।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हल्दी, तुलसी, गिलोय आदि का सेवन करें।

मानसून में होने वाली बीमारियों से बचने के कुछ कॉमन सुझाव

Monsoon illness prevention tips
Monsoon illness prevention tipsफोटो डिजाइन- पत्रिका.com
बाहर का खाना खाने से बचें और घर का ताज़ा खाना ही खाएं।
साफ और उबला हुआ पानी पिएं।

खाने से पहले हमेशा हाथ धोएं।

मच्छरों से बचने के लिए क्रीम, मच्छरदानी और अन्य सुरक्षा उपाय अपनाएं।

गंदे पानी में चलने से बचें।

बच्चों को बाहर कीचड़ या पानी में खेलने से रोकें।
रोज नहाएं और गीले कपड़े तुरंत बदलें।

अपनी डाइट में ताजे फल और हरी सब्जियां शामिल करें।

सर्दी या बुखार होने पर खुद इलाज न करें, डॉक्टर से सलाह लें।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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