कैंसर के लक्षण
ICMR के मुताबिक, अगर आपको बार-बार थकान महसूस होना, बार-बार इंफेक्शन होना, शरीर पर आसानी से नीला पड़ना या खून बहना, लिम्फ नोड्स का सूज जाना, हड्डियों या जोड़ों में दर्द, रात को पसीना आना, अचानक वजन कम होना और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण नजर आएं तो सतर्क हो जाइए। ऐसे लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें, क्योंकि शुरुआती जांच से कैंसर का इलाज आसान हो सकता है।कैंसर जांच में नई तकनीक – NGS टेक्नोलॉजी
नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग (NGS) एक आधुनिक तकनीक है, जिससे डीएनए और आरएनए में होने वाले म्युटेशन का पता लगाया जाता है। यह तकनीक कम समय में हजारों जीन या पूरे जीनोम की जांच कर सकती है। NGS से ट्यूमर की गहराई से जांच की जाती है और कैंसर से जुड़ी खास म्युटेशन की पहचान होती है, जिससे हर मरीज के लिए अलग और बेहतर इलाज तय किया जा सकता है।NGS टेक्नोलॉजी के फायदे (Cancer Treatment)
व्यापक जीनोमिक जांच: यह तकनीक जीन में बदलाव जैसे सिंगल न्यूक्लियोटाइड वेरिएशन, इंसर्शन, डिलीशन और जीन फ्यूजन की पहचान करती है, जिससे ट्यूमर के कारण साफ समझ में आते हैं।बेहतर संवेदनशीलता: NGS बहुत ही कम मात्रा में मौजूद म्युटेशन को भी पकड़ सकता है, जिसे दूसरी तकनीकें नहीं पकड़ पातीं।
लागत में फायदेमंद: शुरू में लागत ज्यादा लगती है, लेकिन एक साथ कई जीन की जांच होने से यह आगे चलकर किफायती साबित होता है।
व्यक्तिगत इलाज: इससे कैंसर को बढ़ाने वाले म्युटेशन की जानकारी मिलती है और मरीज के लिए सही टारगेटेड थेरेपी या इम्यूनोथेरेपी तय की जाती है, जिससे इलाज ज्यादा असरदार होता है।