प्रैग्नैंसी में Paracetamol लेना पड़ सकता है भारी, बच्चे को हो सकता है ADHD
Is paracetamol safe during pregnancy : प्रैग्नैंसी में कुछ दर्द निवारक दवाएं सुरक्षित मानी जाती हैं। इनमें से पेरासिटामोल एक बहुत ही आम दवाई है। जिसको सबसे सुरक्षित दवाई माना जाता था। लेकिन अब एक नई रिसर्च में पेरासिटामोल के संभावित खतरे उजागर किए हैं।
Paracetamol During Pregnancy Linked to ADHD in Children
Paracetamol pregnancy risks : एक नई रिसर्च के अनुसार, अब तक गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित माने जाने वाले पेरासिटामोल (एसिटामिनोफेन) का सेवन अजन्मे बच्चे के मस्तिष्क विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अध्ययन में पाया गया है कि इसका संबंध अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) से हो सकता है। यह खुलासा विशेषज्ञों को इस दवा की सुरक्षा को दोबारा मूल्यांकित करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
गर्भावस्था में पेरासिटामोल Paracetamol in Pregnancy
पेरासिटामोल को अब तक गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित दर्द निवारक दवा माना जाता था। लेकिन नए शोध ने इस धारणा को झकझोर कर रख दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की शिशु रोग विशेषज्ञ शीला सत्यनारायण ने साइंस अलर्ट को बताया कि यह दवा दशकों पहले मंजूर की गई थी, लेकिन इसके दीर्घकालिक न्यूरोडेवलपमेंटल प्रभावों का कभी ठीक से मूल्यांकन नहीं किया गया।
ADHD क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ADHD ध्यान की कमी और/या अतिसक्रियता-आवेगशीलता का एक स्थायी पैटर्न है, जो व्यक्ति की शैक्षिक, व्यावसायिक या सामाजिक कार्यक्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
वैज्ञानिक ADHD के सटीक कारणों को स्पष्ट रूप से नहीं समझ पाए हैं, लेकिन निम्नलिखित कारक इसमें भूमिका निभा सकते हैं:
– आनुवंशिकी: यह समस्या परिवारों में चल सकती है। – बचपन में किसी बड़े मानसिक आघात का अनुभव। – समय से पहले जन्म (प्रीमैच्योर डिलीवरी)। – मस्तिष्क में चोट। – पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना, जैसे बचपन में सीसे (लेड) की उच्च मात्रा।
– गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान, शराब का सेवन या अत्यधिक तनाव।
ADHD के लक्षण
– कार्यों या खेल में ध्यान बनाए रखने में कठिनाई। – बार-बार लापरवाही से गलतियाँ करना। – निर्देशों का ठीक से पालन न कर पाना या कार्य अधूरे छोड़ देना।
– ऐसे कार्यों से बचना जिनमें मानसिक प्रयास की निरंतरता की आवश्यकता होती है (जैसे होमवर्क)। – दैनिक कार्यों को भूल जाना। – बाहरी कारणों से आसानी से विचलित हो जाना। – आवश्यक वस्तुओं को बार-बार खो देना (जैसे चाबी, किताबें, स्कूल का सामान)।
– ऐसी परिस्थितियों में भी शांत न बैठ पाना जहाँ बैठना अपेक्षित हो।
– अत्यधिक बातें करना या दूसरों की बातचीत में बाधा डालना। – शांत गतिविधियों में संलग्न न हो पाना। – बिना सोचे-समझे निर्णय लेना और परिणामों की परवाह न करना।
FDA और अन्य एजेंसियों की प्रतिक्रिया
हालांकि, वर्तमान अध्ययन के छोटे नमूना आकार के कारण, इसके निष्कर्ष इतने प्रभावशाली नहीं हैं कि FDA, यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (EMA), अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG), सोसाइटी ऑफ ओब्स्टेट्रिशन एंड गायनेकोलॉजिस्ट ऑफ कनाडा और सोसाइटी फॉर मैटरनल-फीटल मेडिसिन जैसी संस्थाएँ अपनी मौजूदा राय बदलें। फिर भी, यह अध्ययन FDA को इस दवा की सुरक्षा पर दोबारा विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
हर वक्त बेचैनी ADHD के लक्षण
क्या करें?
गर्भावस्था के दौरान कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें। किसी भी दर्द निवारक दवा के संभावित लाभ और हानियों को तौलकर ही उसका सेवन करें। अगर आप पहले से ही पेरासिटामोल ले रही हैं, तो अपने डॉक्टर से बात कर इस पर मार्गदर्शन लें।
गर्भावस्था में पेरासिटामोल के सेवन को लेकर यह शोध नई बहस छेड़ सकता है। हालांकि, अभी तक यह पूरी तरह साबित नहीं हुआ है कि यह ADHD का सीधा कारण बनता है, लेकिन सावधानी बरतना हमेशा बेहतर होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पर और अधिक शोध किए जाने की आवश्यकता है ताकि इस दवा के संभावित खतरों को समझा जा सके और गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित दवा विकल्प प्रदान किए जा सकें।
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