WHO का अलर्ट : भारत में तेजी से बढ़ रहा है Breast Cancer?
WHO breast cancer report : WHO ने अपनी रिपोर्ट में सचेत किया है कि दुनिया भर में ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ये पुरे विश्व भर गंभीर चिंता का विषय बन गया है। इसी के साथ भारत में यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है।
Breast cancer cases rising : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की हालिया रिपोर्टों ने भारत में स्तन कैंसर (Breast Cancer) के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता जताई है। यह लेख इस समस्या के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर स्तन कैंसर (Breast Cancer) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। यदि वर्तमान दर जारी रहती है, तो 2050 तक हर साल 3.2 मिलियन नए मामले और 1.1 मिलियन मौतें होने का अनुमान है। जिन देशों का मानव विकास सूचकांक (HDI) कम है, वहां वृद्धि दर सबसे अधिक है।
भारतीय परिदृश्य: ICMR की रिपोर्ट Breast cancer in India
ICMR के अनुसार, कैंसर के मामलों में भारत चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर है। विश्व में कैंसर से होने वाली 10% से अधिक मौतें भारत में होती हैं, जो चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।
भारत में हर तीन में से दो कैंसर रोगियों की मृत्यु हो जाती है, और महिलाओं पर इसका बोझ पुरुषों की तुलना में अधिक है। आने वाले दो दशकों में, जनसंख्या की उम्र बढ़ने के कारण भारत में कैंसर के मामलों में सालाना 2% की वृद्धि होने का अनुमान है।
Breast Cancer : युवा महिलाओं में बढ़ता खतरा: विशेषज्ञों की राय
भारत में युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, जो चिंताजनक है। 5-10% मामले आनुवंशिक होते हैं, जबकि 90% जीवनशैली और पर्यावरण से संबंधित होते हैं।
पहले से बेहतर पहचान सुविधाओं का न होना और जागरूकता नहीं होने के कारण भी मामलों में वृद्धि हुई है। देर से विवाह, देर से बच्चे पैदा करना, कम स्तनपान और मोटापा भी इसके कारण हो सकते हैं।
दूषित डेयरी उत्पाद और कीटनाशक संदूषण जैसे अज्ञात कारक भी स्तन कैंसर का कारण बन सकते हैं।
भारत में जल्दी होने वाला Breast Cancer
भारत में स्तन कैंसर पश्चिमी देशों की तुलना में एक दशक पहले होता है।
यहां स्तन कैंसर 40 की शुरुआत में चरम पर होता है, जबकि पश्चिम में यह 50 के अंत में होता है। यहां का कैंसर अधिक आक्रामक होता है, जैसे कि ट्रिपल नेगेटिव स्तन कैंसर।
लक्षण और पहचान: जागरूकता की आवश्यकता Breast cancer symptoms
स्तन में गांठ, आकार या आकार में परिवर्तन, त्वचा में बदलाव, निप्पल में बदलाव, और बगल में सूजन जैसे लक्षण स्तन कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
भारत में युवा महिलाओं की बड़ी आबादी के कारण भी मामले बढ़ रहे हैं। जागरूकता और नियमित जांच से शुरुआती पहचान संभव है, जिससे उपचार के बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। भारत में जनसंख्या-आधारित स्क्रीनिंग की कमी के कारण, कैंसर का पता देर से चलता है, जिससे मृत्यु दर बढ़ जाती है।
समाधान: जागरूकता और जल्दी पहचान
शुरुआती पहचान और जागरूकता ही इसका समाधान है। लोगों को लक्षणों के प्रति जागरूक होना चाहिए और उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। नियमित जांच और स्क्रीनिंग से शुरुआती पहचान में मदद मिल सकती है।
शुरुआती पहचान से उपचार के बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। जागरूकता से हम परिणामों को नाटकीय रूप से सुधार सकते हैं।
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