क्या है यूरिक एसिड बढ़ने के कारण
- मांस, समुद्री भोजन, बीयर और कुछ सब्जियों में प्यूरीन की उच्च मात्रा पाई जाती है। इनका अधिक सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है।
- किडनी शरीर से यूरिक एसिड को निकालने में महत्वपूर्ण कार्य करती है। यदि किडनी में कोई समस्या होती है, तो यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है।
- यदि आप डाययूरेटिक, एस्पिरिन और ब्लड प्रेशर की दवाएं ले रहे हैं तो यह यूरिक एसिड को बढ़ा सकती है।
- शराब यूरिक एसिड के प्रोडक्शन को बढ़ावा देती है जिसके कारण किडनी इसे शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती है।
- मोटापे के कारण किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे वह यूरिक एसिड को शरीर से सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाती, और इस कारण यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है।
यूरिक एसिड कम करने के उपाय क्या है : Uric acid control tips
प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें रेड मीट, समुद्री भोजन, बीयर और कुछ प्रकार की सब्जियाँ। इसके बजाय, फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों को अपने आहार में शामिल करें। चेरी और नींबू का रस यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
पर्याप्त पानी पिएं पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से यूरिक एसिड को मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकालने में सहायता मिलती है। वजन घटाएं यदि आप अधिक वजन के शिकार हैं, तो वजन घटाने से यूरिक एसिड का स्तर कम हो सकता है।
व्यायाम करें नियमित व्यायाम करके आप यूरिक एसिड के स्तर को कम कर सकते है। दवाएं यूरिक एसिड को कम करने के डॉक्टर से दवाएं लिखवाएं। शराब से बचें शराब का सेवन यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाता है। इसलिए इसे कम से कम करें या पूरी तरह से छोड़ दें।
यूरिक एसिड बढ़ने पर दिखने वाले लक्षण
- जब यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोड़ों में जमा हो जाते हैं, तब गठिया की समस्या हो जाती है। इसके लक्षणों में जोड़ों में दर्द, सूजन, लालिमा और गर्मी आदि शामिल हैं।
- यूरिक एसिड के क्रिस्टल जब त्वचा के नीचे जमा होते हैं, तो यह टोफस नामक कठोर गांठों का निर्माण करते हैं।
- यूरिक एसिड के उच्च स्तर के कारण किडनी में पथरी बन सकती है।
- यूरिक एसिड का बढ़ा हुआ स्तर थकान और कमजोरी का अनुभव करा सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।