वातस्फीति वह स्थिति होती है जिसमें जिसमें फेफड़ों के वायुकोष खराब होने लगते है जिसके कारण इंसान को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस में फेफड़ों की नलियों में सूजन आ जाता है और लगातार बलगम बनता है।
क्या है World COPD Day मनाने का कारण : What is the reason for celebrating World COPD Day
यह डे हर वर्ष नवंबर के तीसरे बुधवार को मनाया जाता है इस डे का उद्देश्य COPD (World COPD Day) जैसी गंभीर से पीड़ित लोगों को जागरूक कर उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए यह एक विश्व स्तर पर प्रयास होता है। इसे दुनिया भर के डॉक्टरों और सीओपीडी मरीजों के साथ ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव लंग डिजीज को लेकर शुरू किया गया था। इस दिन से हमें प्रेरणा मिलती है कि इस गंभीर बीमारी को रोका जा सकता है, लेकिन इसके लिए हमें सही मैनेजमेंट पर ध्यान देना जरूरी है। क्या होता है COPD
इसका पूरा नाम क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जिसे अंग्रेजी में Chronic Obstructive Pulmonary Disease बोला जाता है। COPD (World COPD Day) में फेफड़ों पर फर्क पड़ता है जब यह स्थिति होती है तो फेफड़ों की नलियां समय के साथ संकरी होती चली जाती है। जिसके कारण फेफड़ों में हवा आना जाना कम होने लगता है। इसके साथ ही सांस लेने में समस्या, खांसी साथ ही सीने में जकड़न जैसी समस्या हो जाती है। यदि कोई इस परेशानी से जूझ रहा है तो उनके लिए रोजमर्रा के काम करना मुश्किल हो जाता है।
COPD के लक्षण
- जब आप फिजिकल एक्टिविटी करते हैं तब सांस लेने में समस्या होना।
- सुबह के समय लगातार खांसी का बना रहना।
- खांसी के साथ बलगम निकलना।
- सांस लेने के साथ छाती में जकड़न।
- थकान का महसूस होना।
- अचानका वजन का कम होना।
COPD के कारण
- यदि आप स्मोकिंग करते हैं तो COPD (World COPD Day) का कारण हो सकता है।
- लगातार प्रदुषण में सांस लेते रहना।
- केमिकल्स के संपर्क में लगातार रहना।
- यदि आपके परिवार में यह समस्या चली आ रही है तो यह भी एक कारण हो सकता है।
- अल्फा-1-एंटीट्रिप्सिन की कमी एक दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति होती है। यह भी सीओपीडी का कारण हो सकती है।
COPD का बचाव
- यदि आप स्मोकिंग करते हैं तो उसे छोड़ दे।
- जितना हो सके वायु प्रदुषण से बचें।
- फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए हेल्दी डाइट लें।
- प्रतिदिन वर्कआउट करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।