पं. अमर डब्बावाला ने बताया, 14 मार्च के बाद मीन संक्रांति आरंभ होगी। यह भी मलमास(Malamas 2025) की श्रेणी में आता है। इस दौरान शादी-ब्याह व मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। 14 मार्च से 13 अप्रेल के मध्य अलग-अलग प्रकार के साधना उपासना का अनुक्रम रहेगा। 14 अप्रेल से पुन: मांगलिक कार्य जैसे शादियां, उपनयन संस्कार, मुंडन संस्कार होंगे। इसके बाद जून तक करीब 22 मुहूर्त(Marriage Auspicious Time) शादी के लिए मिल रहे हैं। उसके बाद 12 जून से 8 जुलाई तक गुरु का तारा अस्त रहेगा, इस बीच विवाह नहीं हो सकेंगे। इसके बाद सीधे देवउठनी ग्यारस से विवाह के मुहूर्त शुरू होंगे।
इस सीजन 40 से अधिक विवाह मुहूर्त
पं. डब्बावाला ने बताया, 12 नवंबर 2024 से लेकर 2025 देवउठनी एकादशी तक विवाह के श्रेष्ठ मुहूर्त की संख्या 40 के आसपास है। शुद्ध मुहूर्त में विवाह का अनुकूल प्रतिशत प्राप्त होता है। इस दृष्टि से अपने चंद्र सूर्य बृहस्पति का बल देखकर के विवाह के मुहूर्त निकलवाना चाहिए। जून तक करीब 22 मुहूर्त बाकी है।
नवंबर में विवाहकी तिथि(Marriage Subh Muhurat 2025)
● अप्रेल : 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29 और 30 ● मई : 5, 6, 7, 8, 13, 14, 17 और 28 ● जून : 1, 2, 4, 7 और 8
यज्ञोपवीत
● अप्रेल : 2, 7, 9, 1, 18, 30 ● मई : 1, 7, 8, 28 और 29 ● जून : 08 मुंडन संस्कार
● अप्रेल : 14 और 24 ● मई : 1, 3, 4, 15, 24, 25, 28 और 31 ● जून : 7 और 8
वास्तु शांति, नूतन गृह प्रवेश
● अप्रेल : 24 ● मई : 3, 8 ● जून : 07