आपको बता दें कि, मंगलवार सुबह से ही ये चर्चा आम थी कि, पुत्र की गलती को लेकर विधायक गोलू शुक्ला खुद पीड़ित पुजारियों से मिलने जा रहे थे, लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि विधायक के स्थान पर खुद उनका बेटा रुद्राक्ष ही मंदिर पहुंच गया और पुजारियों से माफी मांग ली तो अब इस बात की जानकारी भी सामने आ गई है। बताया जा रहा है कि, विधायक गोलू शुक्ला अपने एक अन्य विधायक साथी के साथ देवास के लिए निकल गए थे, लेकिन रास्ते में ही उन्हें भाजपा कार्यालय से फोन आया और उन्हें मंदिर न जाते हुए वापस इंदौर स्थित जिला भाजपा दफ्तर पहुंचना पड़ा।
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जिस तरह की चर्चा चल रही थी, ठीक उसी तरह विधायक शुक्ला की योजना थी कि, वे देवास पहुंचकर पुजारी से मुलाकात करेंगे और माफी मांगकर मामले को शांत करने की अपील करेंगे। नेता देवास के लिए निकल गए थे। रास्ते में उनके पास फोन पहुंचा, जिसमें दूसरी जगह से कहा गया कि तुरंत पार्टी कार्यालय पहुंचे। प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा बैठक लेंगे।
बंद कमरे में चली बैठक
प्रदेश संगठन मंत्री ने भाजपा कार्यालय की तीसरी मंजिल पर बंद कमरे में ये बैठक ली। इसमें विधायक गोलू शुक्ला, विधायक रमेश मेंदोला, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, भाजपा नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा, जिलाध्यक्ष श्रवण चावड़ा, पूर्व नगराध्यक्ष गौरव रणदीवे, जीतू जिराती शामिल हुए। बैठक में संगठन मंत्री ने संगठन की नाराजगी से शुक्ला को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि, संगठन इस मामले को लेकर गंभीर है। नेताओं ने उन्हें बताया कि, हम देवास जा रहे थे, ताकि पुजारी से माफी मांगकर मामले में शांत कर सकें। यह भी पढ़ें- जमानत के बाद फिर फिल्मी अंदाज में मंदिर पहुंचे विधायक पुत्र, पैर पकड़कर पुजारियों से मांगते नजर आए माफी प्रतिक्रिया पर प्रतिबंध
लंबे मंथन के बाद संगठन मंत्री ने कहा कि, अब मामले में कुछ नहीं करना। हमें इस मामले का पटाक्षेप करना है। इसके लिए जरूरी है कि, हम अब कोई प्रतिक्रिया न दें। मंदिर जाएंगे तो फिर चर्चा का बाजार गर्म कर देंगे।
थाने में सरेंडर करने की यहीं बनी थी सहमति
विधायक गोलू शुक्ला को हिदायत दी गई कि, वो बेटे को थोड़ा संभालें। ऐसे कोई काम न करें, जिससे पार्टी के लिए परेशानी खड़ी हो। बैठक में ही थाने पर सरेंडर करने को लेकर सहमति बनी। संगठन मंत्री आरएसएस के पदाधिकारी रहे प्रकाश सोलापुरकर के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करने आए थे।