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‘मौके पर हूं….’ झूठ नहीं बोल पाएंगे पुलिसकर्मी, अब बरती जाएगी सख्ती

mp news: अब सभी थाना मोबाइल को जीपीएस से लैस किया गया है ताकि कंट्रोल रूम वाहन के मूवमेंट पर पल-पल नजर रख सके।

इंदौरFeb 19, 2025 / 05:50 pm

Astha Awasthi

police station's

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mp news: घटना और वारदात को देख हर कोई पुलिस मदद के लिए डायल 100 पर कॉल करता है। कॉल करते ही संबंधित जिले का पुलिस कंट्रोल रूम घटनास्थल से जुड़े थाने को अलर्ट करता है। हालांकि, कई बार ऐसी स्थिति निर्मित होती है कि सूचना देने के बाद भी थाना पुलिस का रिस्पांस टाइम बहुत ज्यादा होता है।
अधिकारियों ने इसके लिए थाना मोबाइल पर तैनात स्टाफ को अलर्ट रहने की हिदायत दी है। उन पर चौकसी रखने के लिए अब सभी थाना मोबाइल को जीपीएस से लैस किया गया है ताकि कंट्रोल रूम वाहन के मूवमेंट पर पल-पल नजर रख सके। हाईटेक पुलिसिंग के दौर में वाहनों का जीपीएस से लैस करने का एक ही मकसद है कि वारदात स्थल पर पुलिस तत्काल लोगों की मदद के लिए पहुंचे।

वारदात स्थल के नजदीक वाहन को भेजेंगे

एडिशनल पुलिस कमिश्नर मनोज कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, शहर में 50 से अधिक पुलिस वाहनों को जीपीएस सिस्टम से लैस किया है। टीआइ के साथ एसीपी के वाहन पर भी जीपीएस लगे हैं। पलासिया स्थित कंट्रोल रूम में जीपीएस लगे वाहनों की मॉनिटरिंग 24 घंटे हो रही है। इसके लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई है।
इस सिस्टम का मकसद जनता को कम समय में पुलिस की मदद मिल सके। अब डायल 100 व कंट्रोल रूम पर मिलने वाली शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा। यदि विजय नगर थाने में कोई वारदात या घटना हुई है। सूचना मिलते ही कंट्रोल रूम लाइव लोकेशन से घटना या वारदात स्थल के सबसे नजदीक गुजरने वाले वाहन को चंद सेकंड में चिन्हित कर सकेगा। फिर चाहे वाहन बाणगंगा या अन्य थाने का क्यों न हो। तत्काल पुलिसकर्मी को मौके पर भेजा जाएगा।
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कड़ी चौकसी… अब नहीं चलेगी बेपरवाही

  1. ‘मौके पर हूं’ का झूठ पकड़ेगा नया सिस्टम
जब कोई वारदात होती है और कंट्रोल रूम का फोन संबंधित थाना टीआइ के पास पहुंचता है तो जवाब आता है कि ‘मैं मौके पर हूं’, लेकिन वास्तविकता में वे वहां होते नहीं हैं। अब जीपीएस से तुरंत सच्चाई सामने आएगी।
  1. थाना पुलिस का टालमटोल रवैया नहीं चल सकेगा
कई बार क्षेत्र में वारदात के वक्त उक्त लोकेशन से पास के थाना मोबाइल करीब होती है। मदद करने के बजाए संबंधित थाना पुलिस भी आगे बढ़ जात है, लेकिन अब इस तरह से टालमटोल नहीं कर सकेंगे।
  1. गश्ती दल के कर्मचारी नहीं बोल सकेंगे झूठ
थाने के वाहन से गश्त कर रहे पुलिसकर्मी पर नजर रहेगी। रात 12 से सुबह 5 बजे के बीच वाहन कितने क्षेत्र में घूमा। कितने स्थान पर रुका। कितनी देर खड़ा रहा। नजर रख रहे अफसर पूछताछ में स्टाफ का झूठ तुरंत पकड़ लेंगे।
  1. आरोपी की धरपकड़ में खानापूर्ति नहीं हो सकेगी
थाने के वाहन से स्टाफ आरोपी की धरपकड़ करने जाएंगे तो लाइव लोकेशन के साथ अफसर पता लगा सकेंगे कि वे आरोपी को तलाशने के बजाए कॉलोनी में चक्कर काटकर तो नहीं आ गया। कहीं खानापूर्ति तो नहीं हुई।

एक क्लिक पर निकलेगी वाहन की ‘कुंडली’

जोन-2 डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया, सर्विलांस को और भी प्रभावी बनाने का काम जारी है, जिससे कमिश्नर, एडिशनल कमिश्नर, सभी डीसीपी वाहनों की लाइव लोकेशन और रिपोर्ट एक क्लिक पर निकाल सकेंगे। सॉफ्टवेयर से वाहनों का डैशबोर्ड आसानी से तैयार होगा।

सिस्टम इस तरह कर रहा काम

● वाहनों का दिखेगा स्टेटस : एक्टिव, नॉन एक्टिव, पार्क , नॉन रिपोर्टिंग

● रंग बताएगा हकीकत : यदि वाहन नॉन एक्टिव है तो वह मैप में लाल रंग का दिखेगा। यदि वाहन एक्टिव है यानी चल रहा है तो वह हरे रंग का दिखेगा।

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