पिछले 6 महीने से ऑनलाइन सट्टा चला रहे थे आरोपी, 60 अकाउंट फ्रीज
डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी पिछले 6-7 महीने से किराए के घर में ऑनलाइन सट्टा संचालित कर रहे थे। वे लोगों को फंसाकर उनसे पैसा ऐंठ रहे थे। टेलिग्राम और अन्य सोशल मीडिया वेबसाइट्स के माध्यम से सट्टा बाजार चला रहे थे। जब लोग जीत जाते थे, तो उनके खातों में रुपए भी भेजते थे। हमने 60 बैंकों में इनके अकाउंट फ्रीज करवाए हैं। इन खातों से भारी मात्रा में कैश बरामद हो सकता है।घटना स्थल से देसी पिस्टल और फॉरेंसिक एविडेंस बरामद
उन्होंने बताया कि जिस फ्लैट में ये वारदात हुई, उसके मालिक से रेंट एग्रीमेंट लेकर देखा, तब इन पांचों के बारे में पता लगा। घटनागक्रम में एक ही बार फायरिंग की जानकारी मिली है। घटना स्थल से एक देसी पिस्टल, दो मैग्जीन और राउंड्स भी जब्त किए गए हैं। इसके साथ-साथ मोबाइल्स, लैपटॉप के साथ काफी फॉरेंसिक एविडेंस भी जब्त किए गए हैं।अब पुलिस को पिस्टल देने वालों की तलाश
डीसीपी का कहना है कि उनके पास पिस्टल कहां से आई, किसने दी अब इसकी जांच की जा रही है। जिसने भी पिस्टल इन्हें दी, उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा और गिरफ्तार किया जाएगा।यहां पढ़ें पूरा मामला
21 मार्च को इंदौर के महालक्ष्मी नगर में एक फ्लैट में ग्वालियर की रहने वाली भावना सिंह अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रही थी, कि तभी गोली लगने से घायल हो गई थी। तीन लोगों ने उसे बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचाया और वहीं छोड़कर भाग गए। इलाज के दौरान भावना की मौत हो गई थी।इन्हें भोपाल से पकड़ चुकी थी पुलिस
जानकारी के मुताबिक, पुलिस को पता चला था कि आरोपी भोपाल भागे हैं। पुलिस ने भोपाल से विख्यात पाठक को पकड़ा है। पीयूष अवस्थी और कान्हा गोयल को भी हिरासत में ले लिया गया है। बता दें कि इंदौर के जिस फ्लैट में ये वारदात हुई उसके रेंट एग्रीमेंट के माध्यम से पांचों लोगों के बारे में पता लगा था।फरारी में आरोपियों को संरक्षण देने वाले को भी बनाया आरोपी
पुलिस इस मामले पर कुछ भी बताने से बचती नजर आ रही है। लेकिन जानकारी ये भी मिली है कि हत्या के बाद आशु, मुकुल और स्वास्तिका भोपाल में विख्यात के घर पर रुके थे। फरारी में आरोपियों को संरक्षण देने के मामले में विख्यात को भी आरोपी बनाया गया है।भावना को अस्पताल में भर्ती करवाकर भोपाल भागे थे आरोपी
पुलिस को जानकारी मिली थी कि भावना सिंह के गोली लगने के बाद आरोपियों ने उसे पहले अस्पताल में भर्ती करवाया, उसके बाद खुद भोपाल भाग गए। इधर अस्पताल में इलाज के दौरान भावना की मौत हो गई थी। जब पुलिस को पता चला कि वे भोपाल से भागकर धार पहुंच गए हैं। पुलिस को आशंका थी कि वे धार से गुजरात की सीमा में प्रवेश कर सकते हैं। लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें दतिया से गिरफ्तार कर लिया।ग्वालियर में निकाला कैंडल मार्च
बता दें कि भावना सिंह की हत्या के बाद आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर थे। तो इससे गुस्साए ग्वालियरवासियों ने यहां कैंडल मार्च निकाला। दरअसल भावना ग्वालियर की रहने वाली थी।आरोपियों को लगातार ढूंढ़ रही थी पुलिस
पुलिस इस मामले में भावना के साथ पार्टी करने वाले आशु यादव, मुकुल और स्वस्ति की तलाश में जुटी थी। तीनों साथ में थे, लेकिन लगातार तलाश के बावजूद पुलिस उनका पता नहीं लगा पाई थी। परिजनों से पूछताछ में पता चला था कि वे घर वालों के संपर्क में ही नहीं हैं।