दरअसल, पूरा मामला कुलकर्णी नगर भट्टा स्थित एक दरगाह का है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से शहाबुद्दीन बहुत दुखी था। उसने टीवी में देखा कि आंतकवादियों ने धर्म पूछ-पूछ कर लोगों को गोली मारी है। इसके बाद उसने मस्जिद से कव्वालियां बंद करवाई और खुद फिर खुद हिंदू धर्म में वापसी कर ली। उसका नाम अब शहाबुद्दीन से श्यामू हो गया।
दरगाह में हुआ सुंदरकांड का पाठ
दरगाह में भजन-कीर्तन, सुंदरकांड का पाठ, हनुमान चालीसा और प्रसाद का वितरण हो रहा है। इस आयोजन में पहलगाम में शहीद लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इस आयोजन में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग भी एकत्रित हुए।
भाईचारे का संदेश दिया
सुंदरकांड पाठ में शामिल हुए मुस्लिम समाज के लोगों का फूलों और अंगवस्त्र से सम्मान किया गया। यह नजारा बेहद दर्शनीय था। जहां धर्म के नाम पर बंटावारा नहीं, भाईचारे का संदेश दिखा। इस बदलाव की चर्चा जोरों-शोरों से हो रही है। क्योंकि जहां पहले कव्वाली की महफिलें सजा करती थीं। वहीं पर अब सुंदरकांड का पाठ हो रहा है। बता दें कि, पहलगाम हमले के विरोध कल पूरे मध्यप्रदेश में पाकिस्तान और आंतकियों का पुतला दहन किया गया था। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में करीब 28 लोगों ने जान गंवा दी थी। जिसके बाद एक्शन में आते हुए मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को रोका दिया। साथ ही 48 घंटे में पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया। इसके अलावा पाकिस्तान का वीजा रद्द कर दिया है। अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है।