अगर वाहन के फास्टैग में बैलेंस कम है और टोल ज्यादा चुकाना है तो बैलेंस जीरो हो जाता है। इससे वाहन टोल से गुजर जाता है और टोल राशि कट जाती है। बैलेंस माइनस हो जाता है और अगली बार रिचार्ज कराने पर माइनस राशि काट ली जाती है। अब टोल से पहुंचने के 60 मिनट पहले रिचार्ज कराना होगा। नहीं कर पाए तो टोल से गुजरने के 10 मिनट बाद करा सकते हैं। इससे डबल टोल नहीं लगेगा।
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एनएचएआइ के अधिकारियों के अनुसार, फास्टैग का पैसा ट्रांसफर होने में 60 मिनट लगते हैं। पैसा अपडेट होने के पहले टोल पर पहुंचे वाहन का बैलेंस शो नहीं होता है। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल का कहना है कि व्यवस्था टोल से आवाजाही व वसूली को आसान बनाने के लिए की गई है।