थायरॉयड, साइलेंट हार्ट अटैक जैसा खतरा
रिसर्च में सामने आया कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया। इसने शरीर के हार्मोनल और मेटाबॉलिक सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित किया। इससे थायरॉइड विकार, कैटेकोलामाइन हार्मोन में गड़बड़ी और यहां तक कि साइलेंट हार्ट फेलियर जैसे जोखिम भी बढ़े हैं।डॉक्टर समझ सकेंगे मरीज और इलाज का तरीका
आइआइटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास एस. जोशी के मुताबिक, यह शोध बताता है कि कोविड-19 केवल सांस की बीमारी नहीं है। यह शरीर के हर हिस्से को गहराई से प्रभावित कर सकता है। डॉ. झा ने कहा, रिसर्च से हमें कोविड लक्षणों को समझनेऔर उनके सही इलाज के लिए दिशा मिलेगी। रिसर्च से डॉक्टर अब यह बेहतर समझ सकेंगे कि किस मरीज को किस तरह का इलाज देना है। साथ ही भविष्य में ऐसे वायरस के लिए और बेहतर दवाइयां और टेस्ट भी बनाए जा सकेंगे।