डेयरी-होजरी व मेडिकल व्यापारी थे निशाने पर
आइसीआइसीआइ की विनवे वर्ल्ड ब्रांच ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि बैंक के कई करंट अकाउंट से लगातार बिना ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) के रुपए निकल रहे हैं। बैंक को खातों से पैसा गायब होने पर इंदौर सहित विभिन्न राज्यों के खातों धारकों ने सूचना दी थी। जिन करंट अकाउंट से पैसे गायब हो रहे थे वे डेयरी, होजरी, मेडिकल एजेंसी, सॉफ्टवेयर कंपनी, ऑटो कंपनी और कपड़े के व्यापारी थे।ऐसे चोरी हो रहे थे पासवर्ड और ओटीपी
जांच में बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर को संदिग्ध पाया गया। पुलिस गिरफ्त में आरोपी कमल ने बताया कि वह बैंक के विभिन्न शहरों के कस्टमर की समस्याओं का निवारण करता था। बैंक के आइ व्यू सॉफ्टवेयर से वह कस्टमर के खाते में हुए ट्रांजेक्शन और पासवर्ड रिसेट ओटीपी भी देख सकता था। पहले उसने बड़े लेन-देन वाले खातों को चुना, फिर उनसे एक लाख निकाले। उससे लोन चुकाया और फिर लालच बढ़ने पर साथी रिलेशनशिप मैनेजर अभिषेक और मनासा में पदस्थ अपने जीजा स्टेनली को शामिल कर लिया।
गिफ्ट कार्ड में खर्च कर कैश करते थे
आरोपियों में कमल व स्टेनली दोनो जीजा-साले हैं। तीसरे साथी अभिनव के साथ वे व्यापारियों के करंट खाते से रुपए पार कर पहले अमेजन, फ्लिपकार्ट, एपल के गिफ्ट कार्ड और महंगे गैजेट्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के साथ ई-गोल्ड खरीद कर उसे बेचकर अपने खातों में पैसा ट्रांसफर करवाते। इसके लिए उन्होंने तेलंगाना की एक फर्जी सिम भी खरीदी थी, जिसे पकड़े जाने के डर से उन्होंने लवदीप को फ्लाइट से तेलंगाना भेजकर उसे नष्ट कराया था।-अभिनव विश्वकर्मा, डीसीपी