इसमें 44.88 किमी की सड़कें बनेंगी और हरियाली भी रहेगी। आइडीए इन पर 3337 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। टीपीएस 5 योजना कनाड़िया क्षेत्र में 159.54 हेक्टेयर पर तो टीपीएस 8 का निर्माण भंवरासला, कुमेड़ी, भांग्या, कैलोदहाला, तलावली चांदा, शक्कर खेड़ी और अरंडिया में 301 हेक्टेयर में बन रही है। दोनों में बड़ी और कुछ छोटी सड़कों का निर्माण हो चुका है।
आइडीए ने बारिश में हजारों पौधे लगाए थे, जो अब पनप गए हैं। दोनों योजनाओं में पांच हजार से अधिक प्लॉट हैं, जिनकी कीमत निर्धारित कर लॉटरी सिस्टम से आवंटित किए जाएंगे। टीपीएस 9 व 10 के काम की गति काफी धीमी है। वहीं, टीपीएस 4 का केस आइडीए कुछ महीने पहले ही जीता है, जिस पर नए सिरे से प्रोजेक्ट बनाकर काम शुरू किया जाएगा।
ऐसे समझें प्लॉटों का गणित
छह योजनाओं में 3056 भूखंड निकाले गए हैं, जिनका आकार 25 हजार से लेकर डेढ़ लाख वर्ग फीट तक है। 2193 भूखंड जमीन मालिकों के हैं तो 109 प्लॉट सरकार को शासकीय जमीन के बदले दिए जाएंगे। आइडीए के पास 754 प्लॉट बचेंगे, जिसमें उसे निर्माण की लागत निकालनी है। आइडीए ने योजनाओं में प्लॉटों को लेकर री प्लानिंग की थी। पहले बड़े प्लॉटों को जोड़कर नई योजना तैयार की गई। अब 800 से 2400 वर्गफीट के प्लॉट निकाले गए हैं। ये भी पढ़ें:
‘आतंकियों ने जिस जगह गोली मारी…15 मिनट पहले मैं वहीं था’, लगा मजाक है.. टीपीएस की सभी योजनाओं पर काम चल रहा है। हमारा प्रयास है कि सर्व सुविधा युक्त आवास आम जनता को उपलब्ध कराया जाए। कुछ योजनाओं का काम जल्द से जल्द खत्म करने का प्रयास है। -आरपी अहिरवार, सीईओ, आइडीए
75 किसानों को मिला है स्टे
आइडीए की सात टीपीएस योजनाओं में 75 किसानों की 61 हेक्टेयर जमीन पर कोर्ट ने स्टे दे रखा है। इन्हें छोड़कर बाकी जगह काम किया जा रहा है।