आरोपी की निशानदेही पर टीम ने उसके घर से 150 से अधिक बैंक खातों और एटीएम समेत विभिन्न विभागों की सीर्ले, नकली ट्रांसपोर्ट रसीदें, जीएसटी बिल बुक, पैन कार्ड, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज भी जांच दल के हाथ लगे हैं। वहीं जांच में 512 करोड़ के बोगस इनवॉइस मिले हैं। ओरापी विनोद पूछताछ के लिए दो जुलाई तक पुलिस रिमांड पर है। आरोपी संगठित रूप से जीएसटी स्कैम सिंडीकेट संचालित कर रहा था। यह रैकेट मध्यप्रदेश के जबलपुर, इंदौर और भोपाल समेत छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र तक फैला था। जैसे जैसे जांच आगे बढ़ रही है, फर्जीवाड़े की परतें खुलती जा रही हैं।
2009 से कर रहा था फर्जीवाड़ा
पाटन के टिमरी में रहने वाला विनोद 2000 से यह फर्जीवाड़ा कर रहा है। वह कभी एनके खरे बनकर लोगों से मिलता, तो कभी नीलू सोनकर। विनोद ने 512 करोड़ की बोगस इनवॉइस के जरिए केवल कागजों में व्यापार दर्शाया। उसने फर्जी दस्तावेजों, डमी प्रोपराइटर और डिजिटल पहचान का उपयोग कर मनी लॉन्ड्रिग जैसी आपराधिक गतिविधियों को भी अंजाम दिया। उसने नौ लोगों के नाम से 13 फर्जी फर्म बना रखी थीं।
कर योग्य आपूर्ति दिखाई विनोद ने जीएसटी पोर्टल पर उक्त कंपनियों से कर योग्य आपूर्ति (आउटवर्ड सप्लाई) के रूप में दिखाया जो 500 करोड़ से अधिक है। इसमें अधिकांश फर्जी कंपनियों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट पास किया गया, जिससे शासन को करोड़ों के कर का नुकसान हुआ।
सत्यापन में सब फर्जी
टीम ने 512 करोड़ की इनवॉइस वैल्यू की भौतिक जांच की। जिसमें सामने आया, स्टॉक, गोदाम, माल ढुलाई, परिवहन दस्तावेज या बैंकिंग आधार नहीं मिला। इन लेनदेन में प्रयुक्त कंपनियां नर्मदा ट्रेडर्स, नमामि ट्रेडर्स, अभिजीत ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स, अंकिता स्टील एंड कोल, जगदंबा कोल केरियर्स, महक इंटरप्राइजेज, केडी सेल्स कॉपंरिशन, कोराज टेक्निक, महामाया ट्रेडर्स समेत अन्य का संचालन विनोद सहाय स्वयं करता था। इन फर्म्स को चुना लगाकर की टैक्स चोरी
- जगदबा कोल केरियर्स फर्म, जबलपुर- यह फर्म विनोद सहाय ने बनाई। 50 करोड़ रुपए की फर्जी इनवॉइसिंग की। 13 करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।
- महामाया ट्रेडर्स कोरबा, छत्तीसगढ़ कोल ट्रेडिंग के नाम पर बनाई गई। इस फर्म से 30 करोड़ की बोगस इनवॉइस तैयार की गई और आठ करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स केडिट लिया।
- ब्लेक डायमंड ट्रेडकोम नागपुर, महाराष्ट- इस फर्म ने कथित तौर पर बिना किसी वास्तविक व्यापार के 15 करोड़ की इनवॉइस तैयार की और चार करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।
- जेएमडीडी स्टील्स प्रा. लि. नागपुर, महाराष्ट्र- स्टील के नाम पर 30 करोड़ रुपए की फर्जी इनवॉइस जनरेट की 20 करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।
जेएमएसडी एलोयस प्रा. लि. नागपुर, महाराष्ट्र- इस फर्म के जरिए 90 करोड़ रुपए की इनवॉइसिंग और 23 करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया। - जेएमकेडी एनर्जी प्रा. लि. नागपुर, महाराष्ट्र- ऊर्जा कंपनी के नाम पर 05 करोड़ रुपए के बिल बनाए, इनके आधार पर 21 करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।
- सिनीट्रोन मिनरल्स प्रा. लि. नागपुर, महाराष्ट्र- खनिज व्यापार के नाम पर इस फर्म ने 26 करोड़ की फर्जी सप्लाई दिखाई और छह करोड़ फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया। अन्य कई फमैं भी सामने आई हैं।
- डेवोर्स रिसोर्सेस प्रा. लि. नागपुर, महाराष्ट्र-30 करोड़ की इनवॉइसिंग और करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।
- बनुवर्ष ट्रेडकोम प्रा. लि. वर्धा, महाराष्ट्र- इस फार्म ने 7 करोड़ के इनवॉइस तैयार किए और 1.5 करोड़ फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।
- केएसके. सीमेंट नागपुर, सीमेट फर्म ने 20 करोड़ की इनवॉइसिंग की और 5 करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।
- भारत एलोयस नागपुर, महाराष्ट्र- 20 करोड़ की फर्जी बिकी और 5 करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।
- राधाकृष्णा ट्रेडिंग कंपनी नागपुर, महाराष्ट्र- 13 करोड़ की इनवॉइसिंग और 4 करोड़ का फर्जी इनपुट टैक्स केडिट लिया।
- आर्याकोल प्रा. लि. नागपुर, महाराष्ट्र- 12 करोड़ की इनवॉइस और 3 करोड़ फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।
- गेरिजन कोल प्रा. लि, नागपुर, महाराष्ट्र- फर्म ने 10 करोड़ की फर्जी इनवॉइस बनाई और 2 करोड़ फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया।