Income Tax Refund में अगर समय ज्यादा लगा तो उस पर 6% सालाना ब्याज भी मिलेगा। Patrika
income tax : आयकर बचाने के लिए फर्जी कटौती और छूटों का दावा करते हुए रिटर्न दाखिल करने में मदद करने वाले दो एकाउंटेंट से मंगलवार को आयकर विभाग की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ। आयकर विभाग की इन्वेस्टीगेशन विंग ने पूछताछ की। इस दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। विभागीय सूत्रों के अनुसार दोनों एकाउंटेंट्स ने शहर और आसपास के करीब 5-6 हजार आयकरदाताओं की रिटर्न जमा की। इनमें से बड़ी संख्या में लोगों को छूट का अवैध लाभ दिलाने के लिए आयकर की धाराओं का दुरुपयोग किया गया। अब इन करदाताओं को नोटिस भेजकर विभाग जवाब मांगेगा। अकाउंटेंटस से आयकर इन्वेस्टीगेशन विंग पूछताछ कर रही है।
income tax : सारे क्लाइंटों की जानकारी मांगी, दूसरे दिन जांच का काम पूरा, दस्तावेजों के साथ कम्प्यूटर रेकॉर्ड भी जब्त
संदिग्ध पैटर्न की पहचान करने के लिए विभाग ने कई प्रकार के तरीके अपनाए। इनके जरिए रिटर्न दाखिल करने वालों की जानकारी जुटाई गई। आयकर विभाग से जुडे सूत्रों ने बताया कि दोनों अकाउंटेंट्स ने पूछताछ में सारे क्लाइंट्स की जानकारी दी है। विभाग इन करदाताओं की सारी रिटर्न और ब्यौरे की जांच करेगा।
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income tax : कई बड़े करदाता शामिल
जिन 6 हजार करदाताओं की रिटर्न जमा की गई है, उनमें कई बड़े करदाता शामिल हैं। अब आयकर विभाग सभी की रिटर्न की जांच करेेगा। संदिग्ध पाए जाने पर नोटिस भेजा जाएगा। उनसे पेनल्टी और ब्याज की राशि भी वसूल की जाएगी। जिन दो लोगों ने रिफंड दिलाने का वादा करते हुए रिटर्न भरवाई है, उनके खिलाफ भी विभाग अलग-अलग नियमों के तहत कार्यवाही करेगा। इस बीच मंगलवार शाम तक मौके पर जांच का काम पूरा हो गया। इन्वेस्टीगेशन विंग ने दस्तावेजों के साथ कम्प्यूटर रिकॉर्ड को भी जब्त किया है।
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income tax : बढ़ा-चढ़ाकर रिफंड का दावा
जांच में पता चला है कि बिना किसी वैध औचित्य के छूट का दावा किया गया है। इसमें शामिल लोगों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों, सार्वजनिक उपक्रमों, सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्यमियों के कर्मचारी शामिल हैं। करदाताओं को अक्सर कमीशन के बदले बढ़ा-चढ़ाकर रिफंड देने का वादा करके इन धोखाधड़ी वाली योजनाओं में फंसाया जाता है।