नहीं मिली थी सीट
युगलपीठ ने प्रक्रिया पूरी करने सरकार को एक वर्ष का समय दिया है। यह महत्वपूर्ण आदेश जबलपुर निवासी छात्र अथर्व चतुर्वेदी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया। याचिकाकर्ता ने बताया कि उसने ईडब्ल्यूएस वर्ग से नीट परीक्षा में 530 अंक प्राप्त किए थे, लेकिन उसे निजी मेडिकल कॉलेज में सीट नहीं मिली। याचिका में आरोप लगाया गया कि कम अंक प्राप्त करने वाले एनआरआई और अन्य कोटे के छात्रों को प्राथमिकता दी गई, जबकि ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं थी।
ये भी पढ़ें: खुशखबरी- 6 दिन बंद रहेंगे स्कूल, बच्चों-टीचर्स दोनों की रहेगी छुट्टी
सरकार का सीटों का बहाना
छात्र ने राज्य के 2024-25 के प्रवेश नियमों को चुनौती दी। उसने बताया, केंद्र ने 2019 में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए अधिसूचना जारी की, पर प्रदेश ने लागू नहीं किया। राज्य ने दलील दी, नीट के नियम तय थे और प्रवेश हो चुकी, इसलिए नियमों में बदलाव संभव नहीं है। नेशनल मेडिकल कमीशन से निजी कॉलेजों में सीटें बढ़ाने का कोई निर्देश नहीं था।