CG News: कबाड़ की छोटी-बड़ी दुकानों का संचालन
गौरतलब है कि शहर में कबाड़ी बिना सत्यापन के साइकिल, बाइक और अन्य सामान खरीद रहे हैं। यह सामान कहां से आया, उसके स्रोत के संबंध में कोई गंभीरता नहीं दिखाई देती है। कबाड़ में चोरी का सामान भी बिकता है। कबाड़ का कारोबार में किसी तरह का एहितयात बरता नहीं जा रहा है। कबाड़ की दुकानों में टैक्स ऑफिसर और पुलिस के द्वारा केवल औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं। शहर के गीदम रोड, कुम्हारपारा, लागू
नर्सिंग मार्ग, नयापारा सहित, आमागुड़ा सहित अन्य स्थानों पर कबाड़ की छोटी-बड़ी दुकानों का संचालन किया जा रहा है, पर अधिकांश दुकानों में बोर्ड तक नहीं लगा है। कबाड़ियों की इन्हीं लापरवाही का फायदा चोर उठाते हैं, अपनी चोरी का सामान बेच जाते हैं। यदि कबाड़ की दुकान में सीसीटीवी कैमरे होंगे, तो चोरों की पहचान करने में पुलिस को आसानी होगी। नगर के कुछ कबाड़ दुकान अत्यधिक सक्रिय हैं, जिन्हें प्रशासन का भी खौफ नहीं।
कबाड़ी की दुकानों में सीसीटीवी कैमरा नहीं होना बड़ी लापरवाही
जिला में कई स्थानों पर नियमों को ताक पर रखकर रिहायशी आबादी के बीच कबाड़ियों के गोदाम कभी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं। मुख्य सड़कों के अलावा कालोनियों में ऐसे गोदाम देखे जा सकते हैं। जहां पर कबाड़ी को खाली जमीन मिलती है, वहां वे गोदाम बना लिया जाता है। जहां कई टन प्लास्टिक, कागज, लोहे और टीन के सामान होते हैं, आबादी की बीच इन दुकानों में सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है। दुकाना में अग्निशमन की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
रजिस्टर में नहीं होती है पूरी एंट्री
कुछ दुकानों में पाया गया कि रजिस्टर में खरीदे गए सामानों की पूरी एंट्री नहीं की जाती है। सामान बेचने वालों को रसीद तक नहीं किया जाता है। केवल उनका नाम और नंबर नोट किया जाता है। इस रजिस्टर की नियमित पड़ताल टैक्स अधिकारी, पुलिस और प्रशासन के द्वारा नहीं की जाती है, इसके चलते कबाड़ खरीदी-बीक्री का सही आंकलन नहीं हो पाता है। जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन नगर से 10 -15 ट्रक कबाड़ का सामान रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जाता है। अवैध सामान भी बिकता है कबाड़ में
CG News: शहर में कबाड़ी बिना सत्यापन के साइकिल, बाइक और अन्य सामान खरीद रहे हैं। यह सामान कहां से आया, उसके स्रोत के संबंध में कोई गंभीरता नहीं दिखाई देती है। कबाड़ में अवैध सामान भी बिकता है।
कबाड़ का कारोबार कर रहे लोग एहितयात के तौर पर सामान बेचने वालों का फोन नंबर ही लेते हैैं। कबाड़ खरीदकर लाने के बाद उसकी जांच करने की किसी विभाग के पास जिम्मेदारी नहीं है।