Goncha Mahaparva 2025: रथ में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने श्री मंदिर से बाहर आए भगवान जगन्नाथ, देखें…
Goncha Mahaparva 2025: भगवान जगन्नाथ को जगत का नाथ कहा जाता है। शुक्रवार को गोंचा के अवसर पर वे श्री मंदिर से बाहर आए और भक्तों को दर्शन दिए। बस्तर में रथयात्रा की परंपरा 618 साल पुरानी है।
Goncha Mahaparva 2025: भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की रथयात्रा परंपरा और आस्था का अनूठा संगम बनी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने बांस से बनी तुपकी चलाकर प्रभु को सलामी दी और रथ संचालन का शुभारंभ किया।
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Goncha Mahaparva 2025: रथयात्रा की शुरुआत श्री जगन्नाथ मंदिर से हुई, जहां पहले बस्तर राजपरिवार के सदस्य कमलचंद्र भंजदेव ने पूजा-अर्चना की और रथ के समक्ष झाड़ू लगाकर रथपति परंपरा का निर्वहन किया।
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Goncha Mahaparva 2025: इसके बाद विधिपूर्वक 22 विग्रहों को पुरोहितों ने एक-एक कर तीन रथों में सवार कराया।
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Goncha Mahaparva 2025: रथयात्रा गोलबाजार चौक, गुरुनानक चौक, और दंतेश्वरी मंदिर होते हुए सिरहासार भवन तक पहुंची, जहां भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र की प्रतिमाएं उतारकर नौ दिनों तक के लिए स्थापित की गईं।
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Goncha Mahaparva 2025: इसे गुंडिचा यात्रा कहा जाता है, जहां अब भगवान 9 दिनों तक जनकपुरी सिरहासार भवन में विविध पूजा-विधानों के साथ विराजमान रहेंगे। यहां भगवान का दर्शन करने श्रद्धालु पहुचेंगे।
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Goncha Mahaparva 2025: 360 आरण्यक ब्राह्मण समाज की ओर से बाहुड़ा गोंचा और देवशयनी एकादशी तक विविध आयोजन किए जाएंगे।