महाशिवरात्रि पर 60 वर्षों बाद सूर्य, बुध और शनि तीनों ग्रह के कुंभ राशि में होने से त्रिग्रही योग का महायोग बन रहा है, साथ ही
बुधादित्य योग भी रहेगा। ग्रहों का यह संयोग आध्यत्मिक उन्नति और प्रतिष्ठा में वृद्धि दिलाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने और व्रत रखने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
Mahashivratri 2025: ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश दास ने बताया कि इस साल
महाशिवरात्रि के दिन बनने वाले त्रिग्रही योग और परिध योग, शिव योग सहित बुधादित्य योग के होने से खास होने जा रहा है। इस शुभ मुहूर्त में भगवान शिव के साथ पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। इस दिन चारों पहर विधि विधान से भगवान शिव की पूजा आराधना करने से करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को शाम 6 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 26 मिनट तथा रात 9 बजकर 26 मिनट से देर रात 12 बजकर 34 मिनट के मध्य पूजा का शुभ समय है।