Ramadan 2025: दिनभर भूख और प्यास से तपे चेहरों पर मुश्किलों की जगह हर ओर मुस्कान थी। मंगलवार को जब इस माह-ए-रमाज के रोजा खोलने की बारी आई तो लोग परिवार, दोस्तों के साथ पहुंचे थे। कोई अकेला था तो वह रोजदारों के संग हो लिया था।
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Ramadan 2025: कोई फल, पकौड़ी, समोसे, खजूर और शर्बत लेकर पहुंचा था, जिनके पास नहीं था, उनके लिए दस्तरखान सजा था। जैसे ही इफ्तार के किलए सायरन बजा उसके साथ ही रोजेदार आनंदपूर्वक रोजा इफ्तार में बैठ गए। इसके पहले दोपहर बाद से लोगों का जामा मस्जिद में जुटना शुरू हो गया था।
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Ramadan 2025: मालूम हो कि मुस्लिम समाज का मुबारक और पाक महीना रमजान शुरू हो चुका है। यह महीना मुस्लिम समुदाय के लिए काफी महत्व रखता है। इसमें लोग पूरे महीने रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस महीने में अल्लाह की इबादत करने से लोगों के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं।
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Ramadan 2025: मुस्लिम समुदाय के बीच रमजान के महीने का बेहद खास महत्व होता है। रमजान को रमादान, कुरान का महीना और रोजे का महीना भी कहा जाता है। इस पूरे महीने में लोग रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। इफ्तार के वक्त बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। वे इधर-उधर भाग रहे थे।
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Ramadan 2025: इस माह-ए-रमजान में जामा मस्जिद की चमक और रौनक बढ़ गई है। रोजा इफ्तार के ठीक बाद नमाज शुरू हो गई। सभी लोग मुश्किल से दो मिनट में रोजा खोलकर नमाज के लिए निकल पड़े।