Ration shop: ई-पॉस मशीनों की कार्यक्षमता में सुधार शामिल
कृषि उपज मंडी में विक्रेताओं ने अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद किया। विक्रेताओं की प्रमुख मांगों में ‘वन फिंगर’ वितरण प्रणाली लागू करना, 2018 से लंबित बारदाना राशि का भुगतान, राज्य व केंद्र सरकार के अनुरूप कमीशन का निर्धारण, और ई-पॉस मशीनों की कार्यक्षमता में सुधार शामिल हैं। साथ ही, एम-2 पद्धति में की जा रही खाद्यान्न कटौती को समाप्त करने, सुखत-झड़त की छूट राशन विक्रेताओं को भी देने, और नियमित कमीशन तथा मार्जिन मनी के भुगतान की मांग की जा रही है। वहीं खाद्य विभाग की ओर से इस हड़ताल को लेकर अब तक किसी तरह का जवाब नहीं आया है। सात सूत्रीय मांगों को लेकर विक्रेताओं की हड़ताल यदि लबी चलती है, तो उपभोक्ताओं को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा। देखना होगा कि शासन-प्रशासन विक्रेताओं की मांग को गंभीरता से लेती है, या फिर इसे लंबी खींचने का प्रयास करती है। विभाग का दावा है कि हड़ताल के बावजूद उपभोक्ताओं को समय पर राशन वितरण करने का प्रयास किया जाएगा।
Ration shop: राजकुमारी सेठिया, उपाध्यक्ष, विक्रेता संघ: जिले के सभी 485 राशन दुकानों में आज से ताला लटका हुआ है, सभी एकजूट होकर सात सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। शासन की नीतियों से विक्रेताओं को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। मांगों को पूर्ण किया जाए।
अजबर सेठिया, प्रदेश सह सचिव, विक्रेता संघ: विगत वर्ष हमने भूख हड़ताल किया था, जिसके बाद शासन के द्वारा आश्वासन दिया गया था। पर एक साल बाद भी ध्यान नहीं दिया गया, इसलिए पून: हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होंगी, दुकाने बंद रहेंगी।
रोहित नाग, जिलाध्यक्ष, विक्रेता संघ: हम लोगों ने इससे पहले सांकेतिक हड़ताल कर शासन को आगाह किया था। बावजूद अनदेखी की गई, विवश होकर अपनी मांगों को लेकर हमें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ा है। इसकी जवाबदेही शासन-प्रशासन की।
राशन वितरण भी रोकने की चेतावनी
Ration shop: विक्रेता संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि प्रशासन शीघ्र कोई ठोस निर्णय नहीं लेता है, तो इस माह से प्रस्तावित तीन माह का एक मुश्त राशन वितरण भी रोक दिया जाएगा, जिससे हजारों उपभोक्ताओं को खाद्यान्न संकट का सामना करना पड़ सकता है। इधर उपभोक्ता राशन वितरण बंद होने से चिंतित हैं। सभी एकमुश्त राशन लेने की तैयारियों में जुटे थे, सरकार के द्वारा जून माह में तीन माह का राशन वितरण किया जाना है। पर अनिश्चितकालीन हड़ताल ने इस पर ब्रेक लगा दिया है।