script11 जुलाई से शुरू होगा सावन का पवित्र महीना, 100 साल बाद एकसाथ बन रहे ये 3 दुर्लभ योग | Sawan Somwar: These three rare yogas are being formed on 11th July Sawan Monday | Patrika News
जगदलपुर

11 जुलाई से शुरू होगा सावन का पवित्र महीना, 100 साल बाद एकसाथ बन रहे ये 3 दुर्लभ योग

Sawan Somwar: इस सोमवार को चंद्रमा पूर्वा फाल्गुनी और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में गोचर करेंगे। यह स्थिति मानसिक स्थिरता, भक्ति और ध्यान के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।

जगदलपुरJul 10, 2025 / 12:50 pm

Laxmi Vishwakarma

शिवालयों में विशेष तैयारी (Photo source- Patrika)

शिवालयों में विशेष तैयारी (Photo source- Patrika)

Sawan Somwar: 11 जुलाई से 9 अगस्त तक हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र महीना सावन की शुरूआत हो रही है। इस सावन सभी चार सोमवार पर सात दुर्लभ शुभ योग बन रहे हैं जिससे यह मास खास बनने जा रहा है। पूरे 100 साल बाद इस बार सोमवार को दुर्लभ योग बनने जा रहा है जिनमें सर्वार्थ सिद्धि, ब्रह्म और इंद्र योग शामिल हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इन योगों में शिव पूजन करने से विशेष लाभ की संभावना है।
शुभ संयोगों, सावन सोमवारों और आस्था से जुड़ा यह श्रावण मास इस बार सिर्फ 29 दिन का होगा लेकिन शिव भक्तों के लिए विशेष फलदायी सिद्ध हो सकता है। इस बार सावन को ज्योतिषीय दृष्टि से शिव भक्ति और कामनाओं की सिद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है।

Sawan Somwar: इस बार सावन महीना सिर्फ 29 दिन का

ज्योतिषाचार्य पं दिनेश दास के अनुसार, इस बार श्रावण मास में त्रयोदशी तिथि का क्षय हो रहा है, इसी कारण यह मास सामान्य 30 दिन के स्थान पर 29 दिन का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि भले ही यह मास एक दिन छोटा है, किन्तु इसमें सातों सोमवार के दिन बनने वाले शुभ संयोग इसे अत्यधिक प्रभावशाली बना रहे हैं। शिव भक्तों को कम समय में अधिक फल देने वाला मास अद्भुत होने वाला है।

चार सोमवार और सात शुभ योग

पहला सोमवार 14 जुलाई: पं दिनेश दास ने बताया कि इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र और आयुष्मान योग का पावन संयोग बन रहा है। इसके साथ ही गणेश चतुर्थी भी इसी दिन पड़ रही है, जो एक दुर्लभ संयोग माना जा रहा है। भगवान शिव और गणेश जी की पूजा इस दिन विशेष फलदायी मानी गई है।

दूसरा सोमवार 21 जुलाई

दूसरे सोमवार के दिन चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होंगे और वृषभ राशि में गोचर करेंगे। इस दिन कामिका एकादशी भी है, जो भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए उत्तम मानी गई है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत, संकल्प या व्रत के लिए श्रेष्ठ है।

तीसरा सोमवार 28 जुलाई

इस सोमवार को चंद्रमा पूर्वा फाल्गुनी और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में गोचर करेंगे। यह स्थिति मानसिक स्थिरता, भक्ति और ध्यान के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दिन श्रद्धापूर्वक व भक्तिभाव से व्रत और पूजा करने से समस्त पापों का क्षय होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

अंतिम सोमवार 4 अगस्त

यह सोमवार विशेष रूप से पवित्र है क्योंकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग तीनों का महासंयोग बन रहा है। चंद्रमा इस दिन अनुराधा और चित्रा नक्षत्र में होंगे तथा वृश्चिक राशि में विचरण करेंगे। यह संयोग भक्तों को अद्वितीय ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान कर सकता है। इस दिन का व्रत व शिवलिंग पर रुद्राभिषेक अत्यंत फलदायी होने वाला है।

9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और बुद्ध-आदित्य योग का महासंयोग

Sawan Somwar: श्रावण मास का समापन 9 अगस्त को श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के दिन होगा। इस दिन रक्षाबंधन के साथ बुद्ध-आदित्य योग भी बन रहा है, जो ज्ञान, व्यापार और निर्णय लेने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन नए व्यवसाय शुरू करना, संपत्ति खरीदना-बेचना, रजिस्ट्रेशन, औद्योगिक स्थापना, विवाह-संवाद आदि जैसे कार्यों के लिए यह समय अत्यंत उपयुक्त माना गया है।

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