बता दें, शपथ के बाद डीसी बैरवा ने कहा कि इस जीत के जरिए दौसा की जनता ने भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा को बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यह जीत केवल मेरी नहीं, बल्कि कांग्रेस के हर नेता और कार्यकर्ता की मेहनत का परिणाम है।
सचिन पायलट की भूमिका को सराहा
डीसी बैरवा ने खासतौर पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के योगदान की सराहना की। उन्होंने बताया कि जब सचिन पायलट ने उनके साथ गाड़ी में बैठकर जनता से अपील की थी, तभी कांग्रेस की जीत तय हो गई थी। उन्होंने कहा, “यह जीत साबित करती है कि सचिन पायलट और मुरारी लाल मीणा के नेतृत्व ने दौसा को कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ बना दिया है।”
वहीं, डीसी बैरवा ने पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी श्रेय देते हुए कहा कि कांग्रेस की एकजुटता और योजनाओं का सही तरीके से जनता के बीच प्रचार ही इस जीत की असली वजह है। बैरवा ने दौसा की जनता का आभार जताते हुए कहा कि वे उनके विश्वास पर खरे उतरने की पूरी कोशिश करेंगे और क्षेत्र के विकास के लिए दिन-रात मेहनत करेंगे।
विधानसभा में 7 विधायकों ने ली शपथ
गौरतलब है कि मंगलवार को बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा, झुंझुनूं से अमित ओला को हराकर विधायक बने राजेंद्र भांबू, सलूंबर विधायक शांता देवी मीणा, चौरासी से बीजेपी के कारीलाल ननोमा को हराकर आए अनिल कटारा, दौसा से डीसी बैरवा, देवली-उनियारा से राजेन्द्र गुर्जर और रामगढ़ विधायक सुखवंत सिंह ने शपथ ली। इसके बाद विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से बीजेपी और कांग्रेस के बाद बाप सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। बाप के 4 विधायक हो गए हैं। उपचुनाव के बाद बीजेपी के 119 विधायक, कांग्रेस के 66, बाप के 4, बसपा के 2, आरएलडी का 1 और 8 निर्दलीय विधायक हैं।