बनास नदी हादसा: जिंदा लौटे शाहरुख ने बताई 8 साथियों की मौत की वजह, बोला- अभी भी जेहन से नहीं जा रहा वह मंजर
Banas River Incident: टोंक शहर के फ्रेजर पुल के पास बनास नदी में हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। हादसे में बचे शाहरुख ने बताया कि वह मंजर अभी भी जेहन से नहीं जा रहा है।
जयपुर। टोंक शहर के फ्रेजर पुल के पास बनास नदी में मंगलवार को हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। पिकनिक मनाने गए 11 लोगों में से आठ की नदी में डूबने से मौत हो गई, जबकि तीन लोग जिंदा बच गए। इस हादसे ने पीड़ित परिवारों में सन्नाटा पसर गया और ईद की खुशियां मातम में बदल गईं।
हादसे में बचे शाहरुख ने बताया कि वह मंजर अभी भी जेहन से नहीं जा रहा है। उसने बताया कि हम 11 लोग मैजिक वाहन से पिकनिक के लिए निकले थे। पहले चाकसू में दरगाह में माथा टेकने की योजना थी। रात को चाकसू पहुंचने के बाद बाकी लोगों ने बनास नदी के पास दरगाह जाने की जिद की। इस पर बनास नदी की ओर चल दिए। सुबह आजाद हुसैन, कशप खान, नौशाद, फरहान, नवाब खान, साजिद, रिजवान और कासिम नहाने के लिए नदी में उतरे, जो उनकी जिंदगी की आखिरी सैर साबित हुई।
परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
शाहरुख ने बताया कि ईद की खुशियां मनाने के लिए सभी एक साथ निकले थे, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह उत्सव मातम में बदल जाएगा। पीड़ित परिवारों में मातम का माहौल है और हादसे की खबर ने सभी को हिला कर रख दिया।
किनारे से गहरे पानी में चले गए
शाहरुख के मुताबिक उनके साथ गए समीर और सलमान दरगाह पर मीट पकाने के लिए रुक गए। शाहरुख भी उनके साथ था। कुछ देर बाद फोन पर डूबने की खबर मिली। जब वे नदी किनारे पहुंचे तो साथियों को पानी में डूबा देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। बताया जाता है कि नहाते समय वे किनारे से गहरे पानी में चले गए। हैरानी की बात यह है कि एक व्यक्ति को तैरना भी आता था, लेकिन वह भी अपनी जान नहीं बचा सका।
मुख्यमंत्री से मृतक परिवार को आर्थिक सहायता की मांग
बनास नदी में 8 युवकों की डूबने से मौत होने पर मुस्लिम प्रोग्रेसिव फेडरेशन ने मृतक परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। कन्वीनर मुस्लिम प्रोग्रेसिव फेडरेशन के कन्वीनर अब्दुल सलाम जौहर ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मृतकों के परिजन को मानवीय आधार पर आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की मांग की।
उन्होंने बताया कि मृतक गरीब परिवारों से थे। अब परिवार में कोई कमाने वाला भी नहीं रहा, जिससे परिवार आर्थिक संकट में आ गया है। मुख्यमंत्री से 25-25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रत्येक मृतक के परिवारों को देने की मांग की गई। जौहर ने क्षेत्रीय विधायक एवं लोकसभा-राज्यसभा सांसद से भी अपने फंड से मदद देने की मांग की।