एसएमएस अस्पताल की ओपीडी में 20 फीसदी तक मरीज
एसएमएस अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक की ओपीडी में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। डॉक्टरों के अनुसार, ओपीडी में आने वाले मरीजों में से 20 फीसदी तक लोग डी-हाइड्रेशन से पीड़ित हैं। इन मरीजों को अत्यधिक प्यास लगना, मुंह सूखना, ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव, पेशाब कम आना, सिरदर्द, कमजोरी और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो रही हैं। कुछ मरीजों में डायरिया, बुखार, एलर्जी और संक्रामक रोगों के लक्षण भी पाए जा रहे हैं।
किडनी और ब्लड शुगर के मरीज अधिक प्रभावित
एसएमएस सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनय मल्होत्रा के अनुसार, किडनी और ब्लड शुगर से ग्रसित मरीज डी-हाइड्रेशन के कारण अधिक परेशानी झेल रहे हैं। इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों का शरीर सामान्य लोगों की तुलना में अधिक संवेदनशील होता है, जिससे पानी की कमी होने पर उनकी स्थिति जल्दी बिगड़ सकती है। खासतौर पर 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को इस समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
कम पानी पीना बना बड़ी समस्या
चिकित्सकों के अनुसार, अधिकांश लोग पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। शरीर के डी-हाइड्रेशन के संकेतों को समय रहते नहीं पहचानने के कारण लोग अपनी दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं करते और स्थिति गंभीर होने पर ही अस्पताल पहुंचते हैं। कुछ लोग चक्कर खाकर गिर भी रहे हैं, जिससे सिर में चोट लगने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। गर्मी से बचाव के उपाय
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी में डी-हाइड्रेशन से बचने के लिए जरूरी है कि लोग पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं और खानपान में बदलाव करें।
- 1-पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं – दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं।
- 2-इलेक्ट्रोलाइट और नारियल पानी का सेवन करें – शरीर में आवश्यक लवण बनाए रखने के लिए ओआरएस, नींबू पानी और नारियल पानी पिएं।
- 3-ताजे फल खाएं – गर्मी में तरबूज, खीरा, संतरा और मौसमी जैसे फलों का सेवन करें, जो शरीर को ठंडक पहुंचाते हैं।
- 4-हल्का और पौष्टिक भोजन करें – तली-भुनी चीजों से बचें और दही, छाछ, सलाद आदि को अपने आहार में शामिल करें।
- 5-तेज धूप में जाने से बचें – दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर जाने से बचें और अगर जाना हो तो छतरी या टोपी का इस्तेमाल करें।
सतर्क रहें, घबराएं नहीं
चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी में लापरवाही बरतने से डी-हाइड्रेशन की समस्या गंभीर रूप ले सकती है। ऐसे में लक्षणों को पहचानकर तुरंत उचित उपाय करना जरूरी है। थोड़ी सतर्कता और सही खानपान से गर्मी के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।