सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने सरकार की कानूनी सलाह लेकर विस्तार से हस्तक्षेप का प्रारूप तैयार किया और दाखिल किया। इसमें सरकार का पक्ष है कि वह वक्फ संपत्तियों के प्रशासन की प्रमुख कार्यकारी इकाई है और इस अधिनियम में किए गए सुधार, पारदर्शिता, जवाबदेही और भूमि विवादों की रोकथाम के उद्देश्य से किए गए हैं।
कानून धार्मिक स्वतंत्रता का नहीं करता उल्लंघन
राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि अधिनियम के जरिए किसी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले 90 दिन का सार्वजनिक नोटिस और आपत्ति की प्रक्रिया अनिवार्य की गई है, जिससे आमजन के अधिकार सुरक्षित रह सकें। यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता या समानता के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता, जो कि असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है।
सरकार का इसके पीछे क्या है उद्देश्य?
राजस्थान सरकार एससी से अनुरोध किया है कि उसे विस्तृत हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी जाए, ताकि वह न्यायालय को तुलनात्मक कानूनी दृष्टिकोण, आंकड़ों और प्रशासनिक अनुभवों के आधार पर मदद कर सके।