जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने बताया कि इस योजना का क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। पहले चरण में 5000 गांवों को शामिल किया जाएगा, जहां सरकार की ओर से विभिन्न विकास योजनाएं, स्वरोजगार के अवसर, कौशल विकास कार्यक्रम और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि इन गांवों के बीपीएल परिवारों को सशक्त बनाकर आत्मनिर्भर बनाया जाए। कैबिनेट मंत्री सोमवार को टोंक जिले के उपखंड मालपुरा की विभिन्न ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर आयोजित जनसुनवाई में आमजन को संबोधित कर रहे थे।
इस योजना के तहत बीपीएल परिवारों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर भी दिए जाएंगे। सरकार का मानना है कि यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगी और प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस योजना का क्रियान्वयन सही तरीके से हुआ तो यह राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल सकती है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को आत्मनिर्भर बनाना और गरीबी को जड़ से खत्म करना है।
यह भी पढ़ें
Holiday : बल्ले-बल्ले, इस सप्ताह फिर तीन दिन तक लगातार रहेगा अवकाश, मिलेगा लम्बा वीकेंड
गांवों से “गायब” हो जाएंगे बीपीएल
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बजट 2025-26 के वित्त एवं विनियोग विधेयक चर्चा पर ’’गरीबी मुक्त राजस्थान’’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में बड़ी पहल की है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना में आगामी वर्षों में चरणबद्ध रूप से चिन्हित गांवों के सभी बीपीएल परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया जायेगा। प्रथम चरण में 5 हजार गांवों में इस योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसके लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।लोगों को शुद्ध व पर्याप्त पेयजल मिले
जलदाय मंत्री ने कहा कि लोगों को शुद्ध व पर्याप्त पेयजल मिले, यह उनका दायित्व है, इसलिए पेयजल के साथ खेतों को सिंचाई के लिए पानी मिले इसके लिए क्षेत्र के छोटे-बड़े बांधों को बीसलपुर बांध से भरने के लिए 4 हजार करोड़ रुपए के टेंडर लगा दिए है। 2 माह में टेंडर खुल जाएंगे। नवंबर में इसका शिलान्यास कार्यक्रम रखा जाएगा। आने वाली पीढिय़ों को पीने के पानी को लेकर समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इस विधानसभा में 2018 तक 25 हजार घर बनाए गये थे। केंद्र सरकार ने पुन: इस पोर्टल को खोला है। इसलिए अधिकाधिक लोग इस योजना में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन करें। ग्राम स्तरीय अधिकारी पात्र लोगों को योजना की जानकारी देकर नाम जुड़वाएंं, ताकि एक भी व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित नहीं रहे।
उन्होंने क्षेत्र में सडक़ों की मांग को लेकर कहा कि मेजर डिस्ट्रिक रोड (एमडीआर) के माध्यम से गांवों को आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता से अप्रारंभ एवं प्रगतिरत सडक़ों के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।