अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने राजस्थान सरकार की ओर से पक्ष रखा। वहीं, नगर पालिका नोखा की ओर से अधिवक्ता दीपक वर्मा पेश हुए। डिक्री धारक के अधिकृत प्रतिनिधि ने एक शपथपत्र दाखिल किया, जिसमें कहा गया कि नगर पालिका, नोखा द्वारा जमा की गई राशि उन्हें जारी की जा सकती है, बशर्ते कि किसी उच्च न्यायालय द्वारा इस विवाद में कोई अन्य निर्णय न दिया जाए।
इस आधार पर राजस्थान सरकार द्वारा दायर आपत्तियों को समाप्त कर दिया गया और बीकानेर हाउस की कुर्की के आदेश वापस ले लिए गए।
कोर्ट ने 92 लाख देने का दिया आदेश
बता दें कि बीकानेर हाउस के विशेष महत्व को देखते हुए सीएमओ ने इस मामले की पूरी निगरानी की। जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि यह संपत्ति सुरक्षित रहे। राजस्थान सरकार ने अपनी प्रतिष्ठित संपत्ति की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन अब राजस्थान सरकार अब राहत की सांस ले सकती है।
इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बीकानेर हाउस को कुर्क करने के आदेश पर 7 जनवरी तक रोक लगा दी थी। शनिवार को कोर्ट ने एक कंपनी के पक्ष में 92 लाख रुपये जारी करने का आदेश पारित किया है।