बता दें, इस धरना-प्रदर्शन में अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, टीकाराम जूली सहित कांग्रेस के सभी बड़े नेता नजर आए। बताते चलें कि शहीद स्मारक से राजभवन तक पैदल मार्च के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डोटासरा और पायलट को कंधों पर उठा लिया। इसके बाद बैरिकेडिंग के पास जमकर नारेबाजी की और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवन कूच करने की कोशिश की। लेकिन कार्यकर्ताओं और नेताओं को बैरिकेडिंग कर रोका। उसके बाद वाटर कैनन से पानी की बौछार की गई।
धक्का-मुक्की में कांग्रेस कार्यकर्ता बेहोश
बताया जा रहा है कि जैसे ही कांग्रेस के कार्यकर्ता राजभवन की ओर मार्च करने के लिए आगे बढ़े तो पुलिस ने उन्हें शहीद स्मारक पर ही रोका। इस दौरान कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता शमा खान और अन्य कार्यकर्ताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की हो गई। शमा खान इस दौरान बेहोश हो गईं। इसके बाद उनको पानी पिला करके साथी कार्यकर्ताओं और पुलिस ने संभाला।
गहलोत ने मणिपुर सहित कई मुद्दों पर घेरा
दरअसल, शहीद स्मारक पर प्रदर्शन के दौरान अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने आवाज उठाई, जो कुछ भी अडानी को दिया जा रहा है, वह सही है क्या? कांग्रेस का विरोध पूंजीपतियों से नहीं है, लेकिन आप एकतरफा फैसला करो। एक को ही सब दे दो, यह गलत है। अशोक गहलोत ने कहा कि मणिपुर की पीएम मोदी ने सुध नहीं ली, इससे राज्यों में गलत मैसेज गया। मणिपुर जल रहा है, प्रधानमंत्री मोदी को वहां जाने की फुर्सत नहीं है। यह घटना मामूली नहीं है। पीएम का मणिपुर नहीं जाना और ध्यान नहीं देना चिंता का विषय है। हम किसी तरह से कमजोर नहीं- गहलोत
इस दौरान गहलोत ने कहा कि हम किसी तरह से कमजोर नहीं हैं…दिल से दिमाग से इरादे से…हमें अपने गांव में घर-घर में संपर्क करना है, पंचायत चुनाव में काम करना है। उन्होंने कहा कि बाद में असेंबली और लोकसभा के चुनाव आएंगे, तब आपको मजबूत रहना है। पब्लिक अब समझ चुकी है क्या फर्क है पिछली सरकार में और इस सरकार में।
गहलोत ने कहा कि हमें संगठन को मजबूत करना होगा। बूथ तक जाना होगा। प्रदेशाध्यक्ष कितना भी प्रयास कर लें, इन्होंने मंडल बना दिए कई राज्यों में तो मंडल बूथ खाली हैं। बूथ तक संगठन मजबूत बन जाएगा तो आपकी ताकत बढ़ जाएगी।
कार्यकर्ताओं के सामने चिंता जाहिर की
वहीं, अशोक गहलोत ने पार्टी के कार्यकर्ताओं के सामने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पार्टी संकट में होती है, तब असली कार्यकर्ता नेता की पहचान होती है। संकट के समय जो नेता आगे आते हैं, वही कांग्रेस के असली और वफादार सिपाही होते हैं। इसलिए आज आपका आना मायने रखता है। बीजेपी के लोग धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण करते हैं। गहलोत ने कहा कि चुनाव में हार-जीत अलग बात है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी कभी परवाह नहीं करते हार-जीत की, लेकिन जो वोटिंग पैटर्न महाराष्ट्र में सामने आया, उससे पूरा देश चकित रह गया।