गौरतलब है कि गोविंद सिंह डोटासरा ने कांस्टीट्यूशन क्लब के उद्घाटन को लेकर कहा कि इसका उद्घाटन ‘दोबारा’ तथा कथित शुभारंभ नाम देकर भाजपा सरकार सिर्फ श्रेय लेना चाहती है। विधानसभा अध्यक्ष पर सरकार के दबाव में निर्णयों और भूमिका को लेकर बार-बार प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने डोटासरा के बयान पर पलटवार करते हुए एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा कि ‘आप देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के राजस्थान से अध्यक्ष हैं एवं राजस्थान विधानसभा के माननीय सदस्य भी है। क्या आपको यह ज्ञात नहीं कि माननीय विधानसभा अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर सदन के भीतर या बाहर टिप्पणी करना संसदीय मर्यादाओं के विपरीत है? बार-बार माननीय अध्यक्ष पर निराधार आरोप लगाकर आप संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं।’
आपको नेता प्रतिपक्ष का भाषण देना अच्छा नहीं लगा- राठौड़
उन्होंने आगे लिखा कि ‘विधानसभा में पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी द्वारा बनाये गये बेवजह के राजनीतिक गतिरोध को राजस्थान की जनता ने देखा और स्वयं को शर्मसार महसूस किया। 7 दिन बाद गतिरोध समाप्त होने, निलंबन वापिस होने और नेता प्रतिपक्ष के माफीनामे के बाद भी आपकी सदन से लगातार अनुपस्थिति क्या यह साबित नहीं करती कि आप खुद नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं? लगता है आपको नेता प्रतिपक्ष का बजट सत्र में भाषण देना अच्छा नहीं लगा।’ राठौड़ ने आगे लिखा कि ‘कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान का निर्माण प्रदेश की 8 करोड़ जनता के टैक्स से हुआ है। इस क्लब को संचालित करने वाली कार्यकारी संस्था द्वारा कल्ब के प्रथम दिवस पर माननीय सदस्यों को आमंत्रित किया जाना कैसे अनुचित हो सकता है? क्या विधानसभा अध्यक्ष को इतना भी अधिकार नहीं है कि वे इस विषय में निर्णय ले सकें?’
कांग्रेस के अंदर के अंर्तविरोध को संभालिये- राठौड़
उन्होंने कहा कि ‘सच तो यह है कि आप विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध झूठे आरोपों की आड़ में कांग्रेस के आंतरिक कलह को छिपाने की असफल कोशिश कर रहे हैं। माननीय विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाने से पहले आप कांग्रेस के अंदर चल रहे अंर्तविरोध को संभालिये और विपक्ष के नाते सकारात्मक राजनीति कीजिये।’ डोटासरा ने सरकार और स्पीकर पर साधा निशाना
इससे पहले डोटासरा ने सदन में स्पीकर देवनानी द्वारा कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के उद्घाटन की घोषणा किए जाने पर सरकार और विधानसभाध्यक्ष पर हमला बोला। उन्होंने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा कि ‘पिछली कांग्रेस सरकार के समय बनकर तैयार हुए कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का उद्घाटन ‘दोबारा’ तथा कथित शुभारंभ नाम देकर भाजपा सरकार सिर्फ श्रेय लेना चाहती है, जो गलत परंपरा है।’
उन्होंने लिखा कि ‘जबकि राजस्थान की जनता जानती है कि विधानसभा के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का निर्माण कांग्रेस सरकार में हुआ है। 22 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा कांस्टीट्यूशन क्लब का लोकार्पण विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी एवं नेता प्रतिपक्ष श्री राजेंद्र राठौड़ की उपस्थिति में किया गया था, जिसका उल्लेख शिलापट्ट पर मौजूद है।’
उद्घाटन का निर्णय लेना अनुचित एवं नियमाविरुद्ध- डोटासरा
वहीं, डोटासरा ने स्पीकर देवनानी पर निशाना साधते हुए लिखा कि ‘लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार ने कांस्टीट्यूशन क्लब को अब तक बंद रखा ताकि इसका ‘दोबारा’ उद्घाटन को तथाकथित शुभारंभ का नाम देकर श्रेय ले सके। कांस्टीट्यूशन क्लब से संबंधित किसी भी निर्णय का अधिकार क्लब के लिए गठित कार्यकारी समिति को है, लेकिन सदन में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा क्लब के उद्घाटन का निर्णय लेना पूरी तरह अनुचित एवं नियमाविरुद्ध है। विधानसभा अध्यक्ष ने निर्णय लेने से पूर्व न तो कार्यकारी समिति की बैठक बुलाई और न ही सदस्यों से राय लेकर सर्वसम्मति बनाई।’
संवैधानिक पद की गरिमा का उपहास उड़ाने जैसा- डोटासरा
उन्होंने कहा कि ‘विधानसभा अध्यक्ष किसी दल का नहीं होता। सरकार के दबाव में उनके निर्णयों और भूमिका को लेकर बार-बार प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं। सदन में कई दफा विपक्ष को संरक्षण न मिलना, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी जी का अपमान करने वाले मंत्री से माफी न मंगवाना, जनता द्वारा चुने गए सदस्य पर राजनीति टिप्पणी करना एवं किसी जनप्रतिनिधि सदस्य की आवाज़ कुचलने के लिए विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सीधे समिति को भेजना, सरकार के प्रति उनके झुकाव को दर्शाता है एवं संवैधानिक पद की गरिमा का उपहास उड़ाने जैसा है। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को राजनीति का हिस्सा बनना उचित नहीं है।’
पिछली सरकार में बना था ‘कांस्टीट्यूशन क्लब’
राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को स्पीकर देवनानी ने जयपुर में बनाए गए ‘कांस्टीट्यूशन क्लब’ के उद्घाटन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि उद्घाटन 8 मार्च को होगा। सुबह 11 बजे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला इसका शुभारंभ करेंगे। बता दें कि पिछली सरकार में बने कांस्टीट्यूशन क्लब का 22 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उद्घाटन भी किया था। दोबारा उद्घाटन ने प्रदेश के सियासी पारे में गर्माहट पैदा कर दी है।