प्रशासन की ओर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को विधानसभा के बाहर रोकने के प्रयास किए गए। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों और कार्यकर्ताओं के बीच धक्कामुक्की भी हुई। कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुए विधानसभा की ओर कूच करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने वाटर कैनन का उपयोग करते हुए प्रदर्शकारियों को रास्ते में ही रोक लिया।
CM भजनलाल पर लोढ़ा की विवादित टिप्पणी
वहीं, धरने में शामिल पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने सीएम भजनलाल शर्मा को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘राजस्थान की जनता के साथ कैसी दुर्घटना हो गई। ये वैसी ही हुआ कि फिल्मों का सबसे बड़ा पुरूस्कार दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड राखी सांवत को दे दिया गया हो। राजस्थान के मुख्यमंत्री का चयन कुछ इसी तरह का है। एक आदमी बीजेपी के कार्यकाल में बैठकर के चाय की पर्ची बनाकर देता था, रातों रात उसे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया। कुर्सी पर बैठकर वो क्या कर रहा है, ये आपकी-हमारी जानकारी के अन्दर हैं’। सांसद मुराली लाल मीणा ने कहा कि ‘जब भी लोकसभा या विधानसभा की कार्यवाही चलती है तो बीजेपी जानकर ऐसी बातें करती है, जिससे व्यवधान हो और सदन में जनता की समस्याओं पर चर्चा नहीं हो।’
खाचरियावास ने साधा निशाना
उधर, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास धरने को संबोधित करते हुए कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की होती है, सीएम को माफी मांगनी लेनी चाहिए। वो माफी मांग लें तो यह गतिरोध खत्म हो जाएगा। साथ ही उन्होंने डिप्टी सीएम दिया कुमारी पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान की डिप्टी CM दिया कुमारी ने कमाल कर दिया, इनके बाप-दादा ने गोविंद देव जी मंदिर बनाया जिसे हमारी सरकार ने 100 करोड़ दिए। लेकिन दिया कुमारी ने आईफा में नाच-गाने के 100 करोड़ दे दिए, धन्य है। ये है पूरा मामला…
बता दें कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अपनी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर योजना का नाम रखा। जिस पर कांग्रेस के विधायक भड़क गए और विधानसभा सचिव की टेबल तक पहुंच गए। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने मंत्री से माफी की मांग की। सत्ता पक्ष ने आसन की ओर हंगामा करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के 6 विधायकों को निलंबित कर दिया।