आत्महत्या से पहले 2.12 मिनट का वीडियो बनाया। मंजा ने यह कहानी बताकर राजस्थान में चल रहे धर्मांतरण के खेल को उजागर कर दिया। मंजा अकेली शिकार नहीं है, पत्रिका ने पड़ताल की तो पता चला कि राजस्थान में दबे-छिपे ढंग से धर्मांतरण करवाया जा रहा है। पूरे राजस्थान में असहाय, निर्धन और सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को ईसाई बनाने के मामले सामने आ रहे हैं।
अब तक जयपुर से लेकर अजमेर, अलवर, भरतपुर, खैरथल-तिजारा, बांसवाड़ा, सिरोही, डूंगरपुर, दौसा, झुंझुनूं, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और सलूंबर में कई केस दर्ज हो चुके हैं। धर्म परिवर्तन के लिए डर और प्रलोभनों से लेकर बीमारियां ठीक करने जैसे अंधविश्वास का भी सहारा लिया जा रहा है।

भरतपुर: चंगाई सभा में आओ, 10,000 लो
मथुरा गेट थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 5 जुलाई, 2024 को रवींद्र कुमार सहित 40 पुरुषों और महिलाओं को पकड़ा गया। उन पर चंगाई सभा में माइक पर हिंदू धर्म के आराध्यों के लिए अपमानजनक बातें कहने के आरोप हैं। लोगों को ईसा मसीह की सेवा करने पर ही स्वर्ग मिलने और हिंदू देवताओं की मूर्तियां फेंकने की बातें भी कही।
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हनुमानगढ़: डुबकियां लगवाकर बपतिस्मा
सुरेंद्र बिश्नोई ने संगरिया थाने में दर्ज करवाई एफआईआर में बताया कि अप्रैल, 2024 को उन्हें ढाणी में तीन-चार पास्टरों द्वारा 20 लोगों को नहर में डुबकियां लगवाकर बपतिस्मा करवाने की सूचना मिली। मौके पर पास्टर गुरु प्यार सिंह, उसके सहयोगी सिखों और बिहारी श्रमिकों का बपतिस्मा करवाकर प्रलोभन दे रहे थे।

कोटा: खाना-मकान दे रहे, टारगेट भील
कैथून थाने में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार 21 अप्रैल, 2025 को सूचना मिली कि कॉलिन नाम का अमरीकी नागरिक ससुर जॉय मैथ्यू के साथ गांवों में आता है। मैथ्यू ने मोतीपुरा गांव में भील समुदाय के लोगों के साथ भोज कर ईसाई बनने को कहा। मैथ्यू ने गांव में 12 लोगों को घर बनाने के लिए पैसा दिया और पार्टियां की।
भरतपुर: ईसाई बनो, हमारी सरकार में हो जाओ मालामाल
चिकसाना थाने में 15 फरवरी, 2024 को नरेश कुमार जाटव ने शिकायत दी, जिसमें बताया उन्हें अजय जाटव ने पीपला गांव बुलाया। वहां रेणु प्रजापत और उसका पति बबलू ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे।

वे कहते हैं कि हिंदू धर्म के देवताओं की पूजा से क्लेश होता है। लोगों को प्रलोभन दिए कि ईसाई धर्म अपनाने वाले को हर माह 500 से 2500 रुपए और प्रचार करने पर साल के 60 हजार रुपए मिलेंगे। वे यह भी कह रहे थे कि इस सरकार को उखाड़ फेंकेंगे, देश में हमारी सरकार होगी, इसे हम चलाएंगे और तुम सबको मालामाल कर देंगे। नरेश ने बताया मौके पर पहुंची पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा था, एफआईआर पर कोर्ट में उनकी अभी गवाही नहीं हुई।
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झुंझुनूं में धर्मांतरण का मामला
30 साल के देवेंद्र कुमार ने सिंघाना थाने में एफआईआर में कहा कि 13 अक्तूबर, 2024 को गांव डुमोली खुर्द में कुछ लोगों ने ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के लिए ग्रामीणों को भाषण दिए। इनमें महाराष्ट्र के सोलापुर का संजय रणधीवे, पुणे का जयसन वरनाड और पुणे का ही शंकरलाल शामिल थे। एक लड़की ने भाषण में लोगों को ईसाई बनने के लिए कई प्रलोभन दिए और हिंदू धर्म के लिए अपमानजनक बातें कहीं।

राजस्थान में धर्म परिवर्तन विधेयक आखिर क्या है?
धर्म परिवर्तन विधेयक से जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वाले लोगों पर अकुंश लगाया जा सकेगा। अगर कोई भी व्यक्ति किसी को धोखे से, प्रलोभन देकर या धमकी देकर दूसरे धर्म में धर्मांतरित करता है तो उसे गैर कानूनी माना जाएगा। इस विधेयक में आरोप सिद्ध होने पर उसके लिए कठोर सजा का प्रावधान रखा गया है। कोई व्यक्ति अगर किसी का धर्म परिवर्तन कराकर उससे विवाह करता है तो कोर्ट उसे अमान्य घोषित कर सकता है।
राजस्थान में धर्मांतरण विधेयक क्यों है जरूरी
राजस्थान में धर्मांतरण विधेयक लाने की जरूरत क्यों पड़ी। इसके पीछे वजह यह है कि प्रदेश में भी लव जिहाद के कई मामले सामने आए हैं, जहां लड़की, लड़के का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। इसके अलावा प्रदेश में आदिवासी इलाके हैं जहां उन्हें लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। विधेयक के पेश होने से राजस्थान कथित जबरन धार्मिक धर्मांतरण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कानून लाने वाला नवीनतम भाजपा शासित राज्य बन गया है।
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धर्मांतरण विधेयक के सख्त प्रावधान
-धर्मांतरण विधेयक में लव जिहाद और धर्मांतरण पर कठोर सजा का प्रावधान।
-नए क़ानून के तहत ज़बरन धर्मांतरण पर 3 से 10 साल की सजा।
-मर्ज़ी से धर्म परिवर्तन करने पर 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को देनी होगी सूचना।
-फैमिली कोर्ट, लव जिहाद करने वाले व्यक्ति का विवाह कर सकता है रद।
-यह कृत्य नॉन बेलेबल ऑफेंस अपराध माना जाएगा।
-एक से अधिक बार अपराध करने वालों को दो गुना तक सजा होगी।