चार साल से कागजों में अटकी योजना जेडीए ने करीब चार वर्ष पहले 70 से अधिक स्थानों पर ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई थी। इनमें बड़े पार्कों की पार्किंग और सामुदायिक भवन शामिल थे। प्रस्ताव रिवेन्यू शेयर मॉडल पर था, लेकिन यह भी केवल फाइलों में ही सीमित रह गया।
जेडीए बोले, अब जिम्मेदारी परिवहन विभाग की जेडीए के अभियांत्रिकी शाखा के निदेशक अजय गर्ग के अनुसार, “जेडीए ने कुछ स्थानों पर चार्जिंग प्वाइंट लगाए जरूर थे, लेकिन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। अब यह कार्य परिवहन विभाग द्वारा किया जा रहा है।”
हाईकोर्ट पार्किंग में बन रहा चार्जिंग स्टेशन सेंट्रल पार्क परिसर में हाईकोर्ट के सामने बन रही भूमिगत पार्किंग में ई-चार्जिंग प्वाइंट लगाए जाने की योजना है। इसका निर्माण कार्य चल रहा है, जो संवेदक के माध्यम से जेडीए द्वारा करवाया जा रहा है।
वर्तमान स्थिति -45 चार्जिंग स्टेशन निजी स्तर पर संचालित हो रहे हैं। -एक कार को फुल चार्ज करने में 70 से 90 मिनट का समय लगता है। -अधिकांश सार्वजनिक स्थलों पर चार्जिंग की सुविधा नहीं है।
-दूसरे शहरों से आने वाले ई-व्हीकल्स के लिए चार्जिंग एक बड़ी चुनौती है। प्रमुख समस्याएं -शहर में चार पहिया ई-व्हीकल्स के लिए चार्जिंग सुविधा नहीं। -दूसरे शहरों से आने वाले ई-वाहन चालक चार्जिंग प्वाइंट्स के लिए परेशान।
-नीतियों की घोषणाएं बहुत, क्रियान्वयन बेहद धीमा।