किसानों का कहना है कि जब वे ट्रांसफॉर्मर बदलने की मांग लेकर पहुंचे तो AEN ने कहा कि कांग्रेस का जमाना गया, अब बीजेपी का राज है, ट्रांसफॉर्मर भूल जाओ! एक किसान ने जवाब में कहा हम कांग्रेस-बीजेपी नहीं, किसान हैं। हमें बिजली चाहिए, डीपी चाहिए। इस बयान ने न केवल किसानों को आहत किया, बल्कि प्रदेश में सियासी तूफान भी खड़ा कर दिया है।
किसानों का कहना है कि वे किसी राजनीतिक दल से नहीं, बल्कि अपनी बुनियादी जरूरत बिजली के लिए लड़ रहे हैं। किसानों का कहना है कि क्षेत्र में बिजली की अनियमित आपूर्ति और ट्रांसफॉर्मर की कमी के कारण खेती-बाड़ी प्रभावित हो रही है। सरिस्का के जंगलों के निकट होने के कारण रात में बिजली कटौती से जंगली जानवरों का खतरा भी बढ़ गया है, जिससे किसानों की मुश्किलें दोगुनी हो गई हैं।
कांग्रेस नेताओं ने साधा निशाना
इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा दिया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या अब आपकी सरकार में किसानों को बिजली के ट्रांसफॉर्मर भी पार्टी देखकर मिलेंगे ? नारायणपुर (कोटपूतली-बहरोड़) में जब किसान ट्रांसफॉर्मर की माँग को लेकर धरने पर बैठे तो AEN श्री नितिन गुप्ता ने कहा ‘अब कांग्रेस का नहीं, भाजपा का राज है।’ क्या ये है सुशासन ? वहीं, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि क्या मतलब “कांग्रेस का राज नहीं है”… कोटपूतली बहरोड़ में भाजपा नेताओं के इशारे पर एक अधिकारी खुलेआम किसान को धमका रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जी.. क्या किसानों की आवाज़ सिर्फ कांग्रेस के राज में ही सुनी जाएगी? इस तानाशाही और अफसरशाही पर लगाम लगाइये, किसान कौम के धैर्य की परीक्षा न लें।
CM भजनलाल ने किया था ये दावा
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हाल ही में बीजेपी कार्यालय से बिजली उत्पादन को लेकर बड़े दावे किए थे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के 18 महीनों में कांग्रेस के 5 साल के कार्यकाल से ज्यादा बिजली उत्पादन हुआ है। लेकिन नारायणपुर की घटना ने उनके दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। किसानों का कहना है कि यदि सरकार बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं करती, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।