डीसीपी दिगंत आनंद ने मामले में कांस्टेबल ओमप्रकाश, राजेश व बुद्धराम को सस्पेंड किया। वहीं एएसआई नानूराम व हैड कांस्टेबल हरिओम को लाइन हाजिर किया। शिवदासपुरा थाना इलाके स्थित एक अपार्टमेंट के फ्लैट में शुक्रवार रात को दो सटोरिए ऑनलाइन सट्टा लगा रहे थे। इसकी सूचना मिलने पर रात को ही साउथ जिले की डीएसटी टीम कार्रवाई करने गई थी।
कार्रवाई में शामिल कांस्टेबल ओमप्रकाश, राजेश व बुद्धराम ने दोनों सटोरियों को फ्लैट में करीब दो घंटे बैठाए रखा और पुलिस कार्रवाई से बचाने की बात कहकर रुपए मांगे। इसके बाद 25 लाख रुपए में सौदा तय हुआ। सटोरियों ने दूसरी जगह से कांस्टेबलों के किसी परिचित को रुपए दिलवा दिए।
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तब तक इसी टीम में शामिल अन्य सदस्य ने कार्रवाई की सूचना पुलिस अधिकारियों को दे दी और अग्रिम कार्रवाई के लिए थानाप्रभारी को बुला लिया। पुलिस अधिकारियों के मामला जानकारी में आते ही तीनों कांस्टेबल फरार हो गए। पुलिस अधिकारियों ने पकड़े गए सटोरियों से पूछताछ की तो अधिकतर जानकारी सही पाई गई। पुलिस ने सटोरिया संदीप बच्चानी की रिपोर्ट पर डीएसटी साउथ के एएसआइ नानूराम, हैड कांस्टेबल हरिओम, कांस्टेबल ओमप्रकाश, बुधराम, राजेश चौधरी के खिलाफ जबरन वसूली का केस भारतीय न्याय संहिता की धारा 308 (2) के तहत दर्ज कर लिया।
पुलिसकर्मियों ने गिरफ्तार नहीं करने और अन्य किसी भी तरह से परेशान नहीं करने की एवज में यह रुपए जबरन संदीप से लिए। पुलिस टीमें तीनों पुलिसकर्मियों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है। बताया जा रहा है कि रुपए लेने के बाद भी पुलिसकर्मी सटोरियों को राहत नहीं दिला पाए, क्योंकि टीम के एक सदस्य ने पहले ही कार्रवाई की सूचना पुलिस अधिकारियों को दे दी थी।