बाढ़ पीड़ितों की तत्काल मदद करें अधिकारी, CM भजनलाल शर्मा के सख्त निर्देश
सीएम ने कहा कि बारिश से उत्पन्न स्थितियों को ध्यान में रखकर अधिकारी अलर्ट मोड पर कार्य करते हुए तत्काल एक्शन लें। नदियों, तालाबों और जलाशयों के जल स्तर संबधी अपडेट लेते हुए निचले और बाढ़ संभावित इलाकों में लगातार निगरानी रखी जाए।
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को लेकर कई बड़े निर्देश दिए हैं। विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में जलभराव और नदियों तथा बांधों के जलस्तर में हुई वृद्धि के संबंध में रविवार को सीएम ने निवास पर उच्चस्तरीय समीक्षा की। उन्होंने प्रशासन को नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ बचाव और राहत कार्यों के लिए निर्देशित किया।
सीएम ने कहा कि बारिश से उत्पन्न स्थितियों के मद्देनजर अधिकारी अलर्ट मोड पर कार्य करते हुए त्वरित एक्शन लें। नदियों, तालाबों और जलाशयों के जल स्तर संबधी अपडेट लेते हुए निचले और बाढ़ संभावित इलाकों में लगातार निगरानी रखी जाए। एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और होमगॉर्ड्स के दल पर्याप्त संसाधनों के साथ अलर्ट रहें। उन्होंने प्रत्येक जिले में कंट्रोल रूम को प्रभावी रूप से संचालित करते हुए हेल्पलाइन नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए भी निर्देशित किया।
हरियालो राजस्थान के तहत होगा सघन पौधारोपण
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से राज्य सरकार ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ एवं ‘हरियालो राजस्थान’ अभियान के अन्तर्गत गत वर्ष 7 करोड़ से अधिक पौधारोपण किया था। हमनें इस मानसून सीजन में भी 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है। इसकी प्राप्ति हेतु पौधारोपण के लिए उपयुक्त स्थानों का चिन्हीकरण भी सुनिश्चित किया जाए। इस अभियान में शिक्षा, चिकित्सा, पंचायतीराज, वन विभाग सहित विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करते हुए आमजन को अधिक से अधिक पौधारोपण के लिए प्रेरित किया जाए।
क्षतिग्रस्त बांधों और नहरों की स्थिति की लगातार करें निगरानी
मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि से प्रभावित आमजन और पशुधन को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जलभराव क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को पेयजल-खाद्य सामग्री सहित जरूरी वस्तुओं की कमी नहीं होनी चाहिए। साथ ही, क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और विद्युत आपूर्ति सुचारू करने के लिए भी निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त बांधों और नहरों की स्थिति की लगातार निगरानी करते हुए आवश्यक मरम्मत संबंधी कार्य करवाएं जाएं।
जिलों को बाढ़ बचाव हेतु सहायता राशि जारी
बैठक में बताया गया कि संभाग मुख्यालय वाले जिलों को 20-20 लाख रुपए तथा अन्य जिलों को 10-10 लाख रुपए बाढ़ बचाव हेतु जारी किए जा चुके हैं। शासन सचिवालय परिसर में स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर नियमित रूप से संचालित है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 36 जिलों में असामान्य और 5 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। छोटे बड़े सभी बांधों की कुल भराव क्षमता लगभग 13027 एमक्यूएम है जिसमें से 67 प्रतिशत भराव हो चुका है।
बैठक में ये लोग हुए शामिल
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिला कलक्टर गांवों में कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के तहत बनने वाले रिचार्ज संरचनाओं के लिए स्थानों का चिन्हीकरण कर रिपोर्ट भेजें। उन्होंने कहा कि ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ के तहत प्रदेश में हुए जल संरक्षण संबंधी कार्यों की भी समीक्षा करते हुए उनके रखरखाव और सुधार हेतु अपने सुझाव भिजवाएं। बैठक में मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे। वहीं, प्रदेशभर से संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, रेंज आई.जी. एवं अन्य उच्चाधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े।
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