Food Security Scheme : राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना में अधिकारी खूब गड़बड़झाले कर रहे हैं, लेकिन खाद्य विभाग के आला अफसर इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। फर्जी स्मार्ट राशन कार्ड बनाने के मामले में विभाग के एक सीनियर अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई पर चुप्पी साध ली गई।
अजमेर में चार महीने पहले एक एनजीओ से मिलीभगत कर खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के फर्जी स्मार्ट राशन कार्ड बनाने के मामले में तत्कालीन अजमेर ग्रामीण डीएसओ हेमंत आर्य के खिलाफ जांच बैठी। परंतु मामले को विभाग के आला अफसरों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया और आज तक कार्रवाई नहीं की। मामले में कलक्टर के स्तर पर भी जांच कराई थी और विभाग को रिपोर्ट मिल गई थी।
4 हजार की मशीन 8 हजार में खरीदी
इसी तरह से खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के सत्यापन के लिए खाद्य निगम की ओर 62 करोड़ रुपए में घटिया गुणवत्ता के आईरिस स्कैनर खरीदे गए। आला अफसरों को भी घटिया गुणवत्ता के आईरिस स्कैनर की खरीद का सच पता चल गया। परंतु खरीद करने वाले खाद्य निगम के अफसरों पर कार्रवाई पर चुप्पी साध ली गई। एक स्कैनर की खरीद 8 हजार रुपए में की गई, जबकि यही स्कैनर बाजार में 3 से 4 हजार रुपए में आसानी से उपलब्ध है।
खाद्य विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि घटिया स्कैनर खरीद के मामले को विभाग के अधिकारी ही दबाने में जुटे हैं। ये स्कैनर धूप में काम नहीं कर रहे हैं और लाभार्थियों का सत्यापन नहीं हो पा रहा। इससे लाभार्थियों को गेहूं नहीं मिलता। मामला दबा रहे, इसके लिए अफसर तकनीकी कारण बताते हुए गेहूं वितरण की तारीख चुपचाप बढ़ा देते हैं।