scriptRajasthan: विधानसभा की सदस्यता खो चुके कंवरलाल मीणा ने अब राज्यपाल से लगाई गुहार, क्या मिलेगी राहत? | Former BJP MLA Kanwar Lal Meena has now presented a mercy petition before the Governor | Patrika News
जयपुर

Rajasthan: विधानसभा की सदस्यता खो चुके कंवरलाल मीणा ने अब राज्यपाल से लगाई गुहार, क्या मिलेगी राहत?

Kanwar Lal Meena: तीन साल की सजा के कारण विधानसभा की सदस्यता खो चुके कंवरलाल मीणा ने सुप्रीम कोर्ट तक से केस हारने के बाद अब दया याचिका पेश कर राज्यपाल से गुहार लगाई है।

जयपुरJun 27, 2025 / 07:03 am

Anil Prajapat

Kanwar-Lal-Meena

कंवरलाल मीणा। फोटो: सोशल

जयपुर। चुनाव कार्य के दौरान अधिकारी पर पिस्तौल तानने व जान से मारने की धमकी देने के मामले में तीन साल की सजा के कारण विधानसभा की सदस्यता खो चुके कंवरलाल मीणा ने सुप्रीम कोर्ट तक से केस हारने के बाद अब दया याचिका पेश कर राज्यपाल से गुहार लगाई है। इसकी फाइल सरकार में सरपट दौड़ रही है। झालावाड़ पुलिस अधीक्षक के मनोहरथाना व अकलेरा थानाधिकारी से सूचना मांगे जाने से लेकर रिपोर्ट आ जाने तक की प्रक्रिया तीन दिन में ही पूरी हो गई।

संबंधित खबरें

उधर, सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका पेश करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। सजा पर सुप्रीम कोर्ट तक से राहत नहीं मिलने और सरेंडर करने के लिए तय समयसीमा पूरी हो जाने पर कंवरलाल ने मई 2025 में सरेंडर कर दिया। जेल में तबीयत खराब होने के कारण कंवरलाल वर्तमान में अस्पताल में भर्ती है। इसी दौरान राज्यपाल को दया याचिका पेश की गई है, जिस पर झालावाड़ पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है।

यूं समझे पूरा मामला

वर्ष 2005- कंवरलाल मीणा के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।
अप्रेल 2018- ट्रायल कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी किया।
14 दिसम्बर 2020- अकलेरा के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने तीन साल की सजा सुनाई।
एक मई 2025- हाईकोर्ट ने तीन साल की सजा का आदेश बहाल रखा।
सात मई 2025- सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इंकार किया।
20 मई 2025- कंवरलाल ने सरेंडर किया।
23 मई 2025- विधानसभा ने सदस्यता समाप्त कर निर्वाचन आयोग को सूचना भिजवाई।
यह भी पढ़ें

झुंझुनूं के इन गांवों में पहली बार चली राजस्थान रोडवेज बस, खिल उठे ग्रामीणों के चेहरे

यह था मामला

तत्कालीन उपखंड अधिकारी रामनिवास मेहता ने मामला दर्ज कराया कि 3 फरवरी 2005 को खाताखेड़ी उप सरपंच चुनाव के लिए पुनर्मतदान की मांग को लेकर मनोहरथाना के पास रास्ता रोके जाने की सूचना मिली। इस पर वे तत्कालीन प्रोबेशनर आइएएस अधिकारी प्रीतम बी यशवंत व अन्य के साथ मौके पर पहुंचे। वहां कंवरलाल ने पिस्तौल तानकर जान से मारने की धमकी दी। कलक्टर के दखल के बाद एफआइआर दर्ज की गई। गिरफ्तारी तीन साल बाद हुई और उसी दिन जमानत मिल गई।

Hindi News / Jaipur / Rajasthan: विधानसभा की सदस्यता खो चुके कंवरलाल मीणा ने अब राज्यपाल से लगाई गुहार, क्या मिलेगी राहत?

ट्रेंडिंग वीडियो