यह है पूरा मामला
जयपुर सेन्ट्रल जेल में बंद कैदी दो दिन पहले एसएमएस अस्पताल में इलाज के बहाने निकले और महिला मित्रों और पत्नियों से मिलने होटल में पहुंच गए। कैदियों की तलाश की गई तो वे जालूपुरा और एयरपोर्ट थाना इलाके में स्थित होटलों में मिले। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने 4 कैदियों और 5 पुलिसकर्मियों समेत 13 लोगों को हिरासत में लिया। प्राथमिक जांच में जेल के डॉक्टर, प्रहरी और लाइन से जाने वाले चालानी गार्डों की संदिग्ध भूमिका सामने आई है। 5 पुलिसकर्मियों समेत 13 गिरफ्तार
मामले में 5 पुलिसकर्मियों समेत 13 लोगों की गिरफ्तारी के बाद कमिश्नरेट पुलिस गहनता से अनुसंधान में जुटी है। गिरफ्तार आरोपियों में 4 बंदी और उनके परिजन व परिचित भी शामिल हैं। पुलिस को एक बंदी के पास मादक पदार्थ भी मिला है। इससे आशंका है कि, चालानी गार्डों की मिलीभगत से बंदी जेल से बाहर आकर अपने परिचितों व अन्य बदमाशों से मादक पदार्थ और मोबाइल प्राप्त करते हैं।
मेडिकल स्टाफ राडार पर, होगी पूछताछ
बाद में कारागार में तलाशी करने वालों की मिलीभगत से ये संदिग्ध सामग्री जेल के अंदर ले जाते हैं। एक बंदी के पास से 70 ग्राम स्मैक की पुडिय़ा बरामद हुई है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि अनुसंधान में मेडिकल और जेल स्टाफ में जिसकी भी संलिप्तता मिलेगी, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जांच जारी है। अनुसंधान अधिकारी मंगलवार को बंदियों को एसएमएस अस्पताल रेफर करने वाले जेल डॉक्टर को पूछताछ के लिए बुला सकते हैं।
पुलिसकर्मियों को भेजा जेल
गांधीनगर एसीपी नारायण कुमार ने बताया कि, हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार, कांस्टेबल मनोज कुमार,कांस्टेबल दिनेश, कांस्टेबल अमित, विकास और बंदियों के परिचित भट्टा बस्ती निवासी हिना,रमजान,आकाश बंसल,राहुल को सोमवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया। वहीं, भट्टा बस्ती निवासी बंदी रफीक उर्फ बकरी, भंवरलाल, अंकित बंसल और करण गुप्ता को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा गया है।