इसमें आरएफ चैंबर्स और मेटल पैनल सहित अन्य उपकरण शामिल है। रीको ने जोधपुर के तिंवरी औद्योगिक क्षेत्र में कंपनी को 10 हजार वर्गमीटर जमीन आवंटित कर दी। खास यह है कि कंपनी ने वहां भूमि पूजन कर दिया और जल्द निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। 10 से 12 माह में यूनिट संचालन का प्लान है।
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट के तहत प्री-समिट के दौरान अक्टूबर में जर्मनी के म्यूनिख में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की कंपनी के प्रतिनिधि मंडल के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग हुई थी। इसमें निवेश पर बातचीत हुई और उसी दौरान औद्योगिक इकाई के लिए जमीन तलाशने का काम शुरू हो गया था।
समिट के तहत पहले बड़े निवेश के धरातल पर उतरने की शुरुआत है। अल्बाट्रॉस प्रोजेक्ट (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कम्पैटिबिलिटी) और एएमएस (एयरोस्पेस और मिलिट्री सिस्टम) परीक्षण समाधानों के क्षेत्र में विश्व का चौथा सबसे बड़ा प्रदाता है। कंपनी यूरोप, अमरीका, चीन और भारत में पहले से काम कर रही है।
शुरुआत 45 करोड़ के निवेश से
कंपनी शुरुआत में 45 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इसके बाद फेज वाइज आगे बढ़ने का प्लान है। स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। रीको ने कंपनी प्रतिनिधियों को कई औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि दिखाए, लेकिन तिंवरी,
जोधपुर के औद्योगिक क्षेत्र उपयुक्त लगा। ई-नीलामी के जरिए भूखंड आवंटन किया गया।
तो अन्य कंपनियां भी लाइन में
डिफेंस क्षेत्र की बड़ी कंपनी के आने से प्रदेश में ऐसी ही अन्य कंपनियों के आने का रास्ता आसान होगा। अभी कुछ कंपनियों से बात चल रही है। हालांकि, रीको फिलहाल इसका खुलासा नहीं कर रहा। प्रदेश में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के दोनों ओर दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआइसी) विकसित हो रहा है। इसका भी फायदा मिलेगा।