इस वर्ष योजना के तहत 50 हजार वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा का लाभ मिलेगा, जबकि पिछले वर्ष 30 हजार यात्रियों को यह सुविधा मिली थी। देवस्थान विभाग की नई वेबसाइट जल्द ही लॉन्च की जाएगी, जिससे आवेदन प्रक्रिया और भी सुगम हो जाएगी। जिन नागरिकों ने पहले जनाधार के माध्यम से आवेदन किया है, उन्हें पुनः आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी, हालांकि वे अपनी यात्रा के रूट में परिवर्तन कर सकते हैं।
मंत्री कुमावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि तीर्थ यात्राओं के संचालन में वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा, सुरक्षा और गरिमा का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने यात्रा के दौरान इस्तेमाल होने वाली रेलगाड़ियों की साफ-सफाई, साज-सज्जा और तीर्थ स्थलों के स्पष्ट संकेतकों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए, ताकि यात्रियों को गंतव्यों की बेहतर जानकारी मिल सके और राजस्थान पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।
इसके अतिरिक्त, मंदिर परिसरों की स्थिति, दर्शन की व्यवस्था और वहां की सुविधाओं के आधार पर उनका वर्गीकरण करने और मंदिरों के आय-व्यय में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया। इसके लिए एक डिजिटल सर्वे टूल विकसित कर मंदिरों का विस्तृत सर्वे किया जाएगा।